नेपाल में शनिवार को फिर से भूकंप के झटके महसूस किए गए। सुबह 11:05 बजे 4.5 तीव्रता का भूकंप आया। हालांकि शनिवार के भूकंप में किसी जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है। भूकंप के झटकेनारायणघाट एवं आस पास के क्षेत्रों में महसूस किए गए। इसकी तीव्रता 4.5 बताई गई है। इसके बाद से लोगों में और दहशत हो गई है। प्रशासन भी सतर्क हो गया है।
इस बीच सुदूर इलाकों में बचाव और राहत टीम पहुंचने के साथ नेपाल में आए भूकंप की तबाही की सही तस्वीर सामने आने लगी है। दूरदराज के पहाड़ी क्षेत्र लगभग पूरी तरह ध्वस्त हो चुके हैं। प्राचीन शहर भक्तपुर के बड़े हिस्से में इमारतें जमींदोज हो गई हैं।
बेहतरीन वास्तुशिल्प और काठ से बनी कलाकृतियों वाले नेवारी की इमारतें नष्ट हो गई हैं। नेपाल में ढाई लाख इमारतों को पूरी तरह या आंशिक तौर पर नुकसान पहुंचा है। भूकंप से हुए नुकसान से उबरने में नेपाल को वर्षों लगेंगे। रात में भी खुली सीमा, राहत सामग्री पर कस्टम नहीं इसके पुनर्निर्माण में करीब 12, 736 करोड़ रुपये यानी दो अरब अमेरिकी डॉलर खर्च होने का शुरुआती अनुमान लगाया गया है।
नेपाल के इस जिले में 40 हजार मकान मलबे में तब्दील हो गए हैं। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, भूकंप से 80 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। भूकंप के झटके जारी नेपाल में शुक्रवार सुबह रिक्टर स्केल पर चार की तीव्रता वाले भूकंप का झटका लगा। इसका केंद्र काठमांडू के पास था। इसके कुछ घंटे बाद ही काठमांडू से 300 किलोमीटर दूरी पर दोलाखा जिले में 4.2 तीव्रता का झटका लगा।
भूकंप से मरने वालों की संख्या 6300 तक पहुंच गई है। लेकिन अभी भी हजारों लोग लापता बताए जा रहे हैं। रेड क्रास के एशिया पैसेफिक के निदेशक जगन चपागेन के अनुसार, सिंधुपालचौक जिले के चौतारा में 90 प्रतिशत घर ध्वस्त हो गए हैं। अस्पताल भी ढह गया है।