इसके लिए केडीए ने कार्ययोजना भी तैयार कर ली है। परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक की सहमति मिलते ही उसे मंजूरी के लिए प्रस्ताव भी भेज दिया गया है।
झकरकटी बस अड्डे पर प्रतिदिन 12 सौ से अधिक बसें आती हैं। इसमें लखनऊ और दिल्ली रूट की तीन- तीन सौ बसें शामिल हैं। इन बसों के कारण ही टाटमिल, रामादेवी, जाजमऊ पुल, झकरकटी पुल पर जाम लगता है। जाम के जकड़न से ही लोगों को मुक्ति दिलाने के लिए कानपुर समग्र विकास समिति के समन्वयक नीरज श्रीवास्तव ने मंडलायुक्त को विकासनगर में एलन फारेस्ट की भूमि पर दिल्ली रूट की बसों के लिए बस अड्डा बनाने का प्रस्ताव दिया था। इस प्रस्ताव पर वहां 3.74 हेक्टेयर में स्टेशन की स्थापना के लिए कार्ययोजना बनाई गई।
केडीए ने भी कुल लागत 3.56 करोड़ रुपये में से आधी धनराशि देने पर सहमति दे दी लेकिन जब मौके पर परीक्षण किया गया तो भूमि का क्षेत्रफल लंबा होने के कारण इस स्थल को उपयुक्त नहीं पाया गया। इसके बाद तय किया गया कि एलन फारेस्ट की भूमि से सटी हुई परिवहन निगम कर्मियों के आवासीय परिसर की खाली पड़ी भूमि को भी शामिल कर लिया जाए। इससे बस अड्डे के लिए 10 एकड़ भूमि मिल जाएगी। कर्मचारियों को केडीए नया आवास बनाकर दे देगा और पूरी भूमि खुद के कार्यो और बस अड्डे की स्थापना के लिए लेगा।
इस प्रस्ताव को मंडलायुक्त मो. इफ्तिखारुद्दीन के साथ ही परिवहन निगम के एमडी ने सहमति दे दी। अब यहीं से दिल्ली, अलीगढ़ रूट की तीन सौ बसें चलेंगी। जरूरत पड़ने पर लखनऊ की बसें भी गंगा बैराज के रास्ते चलाई जाएंगी। इससे झकरकटी बस अड्डे पर लोड कम हो जाएगा। समन्वयक नीरज श्रीवास्तव के मुताबिक नक्शा और कार्ययोजना का कार्य पूरा हो गया है। फाइल स्वीकृति के लिए शासन भेजी गई है।