मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार का कहर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। एक ओर मासूमों की मौत का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है तो दूसरी और अस्पताल की बिजली बार-बार गुल हो रही है। गर्मी से परेशान बीमार बच्चें रो रहे हैं, चिल्ला रहे हैं।
यह नजारा है मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का। मरीज और उनके परिजन लगातार बिजली जाने की शिकायत कर रहे हैं। यहां बिजली का कोई वैकल्पिक इंतजाम नहीं है। हाथ वाले पंखों से हवा कर बच्चों के माता-पिता उन्हें किसी तरह दिलासा दे रहे हैं।
पूर्वांचल के दस जिलों में हाई अलर्ट : बिहार में दिमागी बुखार और लू से हो रही मौतों के मद्देनजर यूपी सरकार ने पूर्वांचल के 10 जिलों में हाई अलर्ट जारी किया है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश के बस्ती, संतकबीरनगर, सिद्धार्थ नगर, महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, आजमगढ़, मऊ और बलिया जिलों में पीड़ितों के इलाज की बेहतर व्यवस्था करने और आकस्मिक निरीक्षण कर इस सिलसिले में की गई व्यवस्था का जायजा लेने का भी निर्देश दिया गया है।
मस्तिष्क ज्वर के ट्रीटमेंट सेंटरों और आईसीयू को 24 घंटे क्रियाशील रखने के साथ डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की छुट्टियां रद्द कर उनकी मौजूदगी सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई : सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के मुजफ्फरपुर में एक्यूट इन्सैफेलाइटिस सिंड्रोम (दिमागी बुखार) से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए तत्काल चिकित्सा विशेषज्ञों का दल गठित करने का निर्देश केन्द्र सरकार को देने का अनुरोध करने वाला याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा।
याचिका में अनुरोध किया गया है कि न्यायालय केन्द्र को निर्देश दे कि वह इस महामारी से जूझ रहे बच्चों के प्रभावी इलाज के लिए सभी उपकरण और अन्य सहायता उपलब्ध कराए। वकील मनोहर प्रताप ने अपनी यचिका में दावा किया है कि वह दिमागी बुखार के कारण बीते हफ्ते 126 से ज्यादा बच्चों की मौत से व्यथित हैं।