यात्री और माल भाड़े में वृद्धि का यह फैसला 25 जून से अमल में आयेगा। रेलवे ने इस फैसले के जरिये इससे पहले 16 मई को की गई घोषणा को अमल में लाने का काम किया है। तब लोकसभा चुनावों के नतीजे आने का दिन होने की वजह से किराया बढ़ाने की घोषणा होने के तुरंत बाद अमल रोक दिया गया।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के सत्ता संभालने के एक महीने से भी कम समय के भीतर लिए गए इस फैसले पर रेलमंत्री सदानंद गौड़ा ने कहा, ‘मेरे पूर्ववर्ती द्वारा लिए गए इस फैसले को लागू करने के लिए मैं मजबूर हूं, मैं केवल इस आदेश को लागू करने पर लगी रोक को हटा रहा हूं।
गौड़ा ने कहा कि पिछली सरकार ने जो अंतरिम बजट पेश किया था, उसमें कुछ राजस्व 16 मई को घोषित वृद्धि के आधार पर जुटाने का प्रस्ताव किया गया था। रेल मंत्रालय ने उल्टे पल्टे ढंग से पहले कहा कि किराये में वृद्धि तुरंत प्रभाव से लागू होगी, लेकिन बाद में घोषणा की गई कि वृद्धि 25 जून से लागू होगी। मंत्रालय ने कहा कि फैसले को लागू करने के लिए अधिकारियों को कुछ समय चाहिये।
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के सत्ता संभालने के एक महीने से भी कम समय में किए गए इस फैसले को लेकर रेल मंत्री सदानंद गौड़ा ने कहा, ‘मेरे पूर्ववर्ती द्वारा किए गए इस फैसले को लागू करने को मैं मजबूर हूं, इस फैसले को लागू करने पर जो रोक लगी थी मैं केवल उसे हटा रहा हूं।’ गौड़ा ने कहा कि पिछली सरकार ने जो अंतरिम बजट पेश किया था, उसमें प्रस्तावित वृद्धि के आधार पर मिलने वाले राजस्व को भी शामिल किया गया था। यह वृद्धि पहले 16 मई को घोषित की गई थी।
यात्री वर्ग में हर महीने 900 करोड़ रुपये का नुकसान उठा रही रेलवे का कहना है, ‘रेलवे के सालाना खर्च को पूरा करना तब तक संभव नहीं होगा, जब तक कि पिछली सरकार द्वारा किरायों के बारे में लिए गए फैसले को लागू नहीं किया जाता, इसलिए संशोधित यात्री किराया और माल भाड़ा दरों के क्रियान्वयन पर लगी रोक के आदेश को वापस ले लिया गया।’ मंत्रालय ने एक वक्तव्य में कहा है, ‘इस लिहाज से संशोधित यात्री किराया और माल भाड़ा दरों को तर्कसंगत बनाने का आदेश 25 जून 2014 से अमल में आ जाएगा।’