जम्मू : जम्मू शहर के बीचो बीच एक बस से 18 किग्रा RDX की बरामदगी की गई है। RDX का मिलना इस बात की और संकेत देती है कि जम्मू को आतंकी अपना निशाना बनाने की कोशिश कर रहे है। यही नहीं कश्मीर में आतंकियों की बैठकों में भी अब जम्मू संभाग को दहलाने की चर्चाएं हुई हैं।
सेना ने जम्मू बस स्टैंड के नजदीक एक बस से 18 किलो विस्फोटक सामग्री बरामद की है। यह बस बिलावर से जम्मू पहुंची थी। विस्फोटक के साथ दो लोगों को भी हिरासत में लिया गया है, जो कि बस के ड्राइवर व कंडक्टर बताए जा रहे हैं। विस्फोट सामग्री के साथ नक्शा भी बरामद हुआ है, जिसमें बस स्टैंड, एयरपोर्ट और बड़ी ब्राह्मणा सैन्य शिविर के बारे में जानकारी दी गई थी।
ड्राइवर व कंडक्टर की पहचान पर सुरक्षाबलों ने एक संदिग्ध महिला की तलाश शुरू कर दी है। ड्राइवर का कहना है कि बातचीत व पहनावे से वह महिला स्थानीय लग रही थी। पुलिस इस संबंध में खलील से भी पूछताछ कर रही है, जिसके घर से करीब तीन दिन पहले 30 किलो विस्फोटक बरामद हुआ था।
पुलिस को शक है कि बिलावर में ऐसे ओवरग्राउंड वर्कर मौजूद हैं, जो आतंकी संगठनों के लिए काम कर रहे हैं। दरअसल बिलावर किश्तवाड़ के अलावा पंजाब व हिमाचल से जुड़ा हुआ है। सुरक्षा एजेंसी इस दिशा में भी काम कर रही है कि कहीं ओवरग्राउंड वर्कर जम्मू में बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए इन रास्तों का इस्तेमाल कर हथियार व गोलाबारूद जमा तो नहीं कर रहे हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बिलावर से बस में लाई गई यह विस्फोटक सामग्री जम्मू में आतंकवादियों तक पहुंचाई जानी थी। खुफिया एजेंसियों को इसकी भनक लग गई। बस जैसे ही जम्मू केसी थिएटर के नजदीक पहुंची, सेना ने उसे घेर लिया। तलाशी लेने पर उसमें से 18 किलो विस्फोटक सामग्री बरामद हुई।
सूत्रों के मुताबिक यह विस्फोटक सामग्री पैकेट में बंद थी। पूछताछ के दौरान ड्राइवर ने बताया कि यह पैकेट उन्हें बिलावर से चलते हुए एक महिला ने दिया था। उन्हें कहा गया था कि जम्मू बस स्टैंड पहुंचने पर एक व्यक्ति उनसे यह पैकेट ले लेगा। इसके लिए उन्हें 200 रुपए भी दिए गए थे।
अधिकारी का कहना है कि सुरक्षाबलों की चौकसी से बौखलाए आतंकी संगठन अब एक-साथ मिलकर जममू संभाग में खूनखराबे की साजिश रच रहे हैं। एक ओर सुरक्षा बल उनकी हर नापाक साजिश को नाकाम बना रहे हैं और घाटी में हालात सामान्य बनते जा रहे हैं, वहीं पाकिस्तान में बैठे हैंडलर हिंसा फैलाने का दबाव बना रहे हैं। ऐसे में अपने नापाक इरादों को पूरा करने के लिए लश्कर, जैश और हिजबुल मुजाहिदीन मिलकर टारगेट तय कर वादी में खूनखराबा करने की साजिश को अंजाम देने को पूरी तरह सक्रिय हो गए हैं। साथ ही सांप्रदायिक हिंसा की भी साजिश रची जा रही है।
संबंधित सूत्रों ने बताया कि लश्कर, जैश और हिज्ब के कश्मीर में सक्रिय प्रमुख कमांडरों की एक बैठक तीन दिन पूर्व दक्षिण कश्मीर में हुई है। इसमें हिज्ब का ऑपरेशनल कमांडर मोहम्मद बिन कासिम (दो वर्षों में बहुत कम नजर आया) और दक्षिण कश्मीर में हिज्ब का मुखौटा बना रियाज नायकू शामिल हुआ था।
आतंकी संगठनों ने साजिश रची है कि हाईवे और सीमांत इलाकों में लश्कर-ए-तैयबा सुरक्षाबलों के काफिलों, कुछ खास वर्गों को निशाना बना सांप्रदायिक हिंसा भड़काने की साजिश को आगे बढ़ाएगा। जैश कुछ खास लोगों के अलावा सुरक्षा शिविरों और अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर आत्मघाती हमले करेगा। इसमें विदेशी व स्थानीय कैडर शामिल रहेगा। हमलों के लिए हिज्ब और लश्कर स्थानीय कैडर की मदद से लॉजिस्टिक सपोर्ट देगा। आतंकी संगठन वादी समेत पूरी रियासत में दहशत पैदा करने के लिए भीड़ भरे इलाकों में ग्रेनेड हमले के अलावा वाहन बम या आइईडी के जरिए बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाने का मंसूबा बना रहे हैं।