नई दिल्ली : सोशल नेटवर्किंग साइट्स से लेकर इंटरनेट के हर कोने पर आज का दौर फोटोग्राफ्स का है। फेसबुक से लेकर ट्विटर और सोशल प्लेटफॉर्म पर आज पूरी दुनिया अपनी तस्वीरों को साझा करती है। तस्वीरें की पलों को जीवंत करती हैं, और आपको एक दूसरे के करीब होने का एहसास कराती हैं।
आज के दौर में फोटो एक बहुत ही सामान्य सी बात हो चली है, और इसके लिए कई तरह की तकनीकों का भी विकास हुआ है। लेकिन क्या आप जानते हैं, कि फोटाग्राफी की शुरूआत आखिर कैसे हुई ?
फोटोग्राफी का क्रेज वर्तमान में लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है, लेकिन इस विधा का आरंभ 1839 से माना जाता है। फ्रांसिसी वैज्ञानिक जोसफ निकफोर (निफोरे) और लुईस डाग्युरे ने पहली बार फोटोग्राफी प्रक्रिया की शुरुआत की थी। 19 अगस्त, 1839 को फ्रेंच अकादमी ऑफ साइंस ने डाग्यु रियोटाईप नाम की इस फोटोग्राफी प्रक्रिया को पहली बार दुनिया से मुखातिब करवाया और बस यहीं से 19 अगस्त को ‘वर्ल्ड फोटोग्राफी डे’ मनाने की भी शुरुआत हो गई।
दरअसल 9 जनवरी, 1839 को फोटोग्राफी की एक नई प्रक्रिया की शुरूआत हुई जिसकी खोज फ्रांस के फोटोग्राफर जोसेफ निफोरे और लुई डैगुरे ने की थी और इसे फ्रेंच एकेडमी ऑफ साइंस ने मान्यता दी थी। इसके बाद 19 अगस्त, 1839 को फ्रेंच सरकार द्वारा इसकी औपचारिक घोषणा कर इसे पूरी दुनिया को फ्री गिफ्ट के रूप में उपलब्ध करवाया गया। फोटोग्राफी की विधा में इसे एक नई क्रांति के रूप में देखा जाता है। इस नई फोटोग्राफी विधि की शुरुआत की याद में ही 19 अगस्त को हर साल पूरे विश्व में ‘वर्ल्ड फोटोग्राफी-डे’ मनाया जाता है।