नई दिल्ली : भारत-पाकिस्तान के बीच 1965 में हुई जंग में दुश्मन के कई टैंकों को बर्बाद करने वाले शहीद कंपनी क्वॉर्टर मास्टर हवलदार अब्दुल हमीद की आज 52वीं पुण्यतिथि है। वीर अब्दुल हमीद ने मात्र 32 वर्ष की उम्र में दुश्मनों को नाकों चने चबवा दिए थे।
बहादुरी और देशभक्ति की मिसाल इस शख्स ने 8 सितंबर 1965 को पाकिस्तान के असल उताड़ नाम के गांव में पाकिस्तान के उन फौलादी टैंको को मोम की तरह पिघला दिया, जिन पर देश के दुश्मनों को बहुत नाज था। उस लड़ाई में पाकिस्तान की तरफ से परवेज मुशर्रफ भी लड़ रहे थे, और उन्हें भी पाकिस्तानी फौज के साथ जान बचाकर भागना पड़ा था।
कौन थे शहीद अब्दुल हमीद:
अब्दुल हमीद का जन्म उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के धामूपुर गांव में 1 जुलाई 1933 को हुआ था। उनके पिता लांस नायक उस्मान फारुखी भी ग्रेनेडियर में एक जवान थे। अब्दुल हमीद 27 दिसम्बर 1954 को 4 ग्रेनेडियर में भर्ती हुए, और अपने सेवा काल में सैन्य सेवा मेडल, समर सेवा मेडल और रक्षा मेडल से सम्मान प्राप्त किया था। वीर अब्दुल हमीद के शहादत दिवस पर क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने भी उनको याद गिया।