उत्तराखंड में कुदरत के कहर के बाद राहत के काम पर लगा एक एमआई-17 हेलीकॉप्टर दुर्घटना का शिकार हो गया, जिसमें 20 लोगों की मौत हो गई है। इनमें सभी 20 लोगों के शव बरामद हो गए हैं।
यह हेलीकॉप्टर मंगलवार शाम को क्रैश हो गया। एनडीएमए ने बताया है कि इस हेलीकॉप्टर में कुल 19 लोग सवार थे जिसमें 9 एनडीआरएफ के, आईटीबीपी के 6 और वायुसेना के 4 लोग सवार थे। 20 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और
बाकी लोगों की तलाश जारी है। मंगलवार शाम को क्रैश हो गया। एनडीएमए ने बताया है कि इस हेलीकॉप्टर में कुल 19 लोग सवार थे जिसमें 9 एनडीआरएफ केए, आईटीबीपी के 6 और वायुसेना के 4 लोग सवार थे।
रूद्रप्रयाग के एसपी के मुताबिक, दुर्घटना के कारणों का पता अभी नहीं चल सका है, लेकिन आशंका जताई जा रही है कि खराब मौसम की वजह से यह दुर्घटना हुई। मौके से हेलीकॉप्टर का वॉयस रिकॉर्डर और फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर मिल गया है, जिससे हादसे की सही वजह जानने में आसानी होगी।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ ए केदारनाथ से लौट रहा यह हेलिकॉप्टर गौरीकुंड के पास हादसे का शिकार हुआ। बताया जा रहा है कि एमआई-17 हेलिकॉप्टर केदारनाथ में मारे गए लोगों के अंतिम संस्कार के लिए जरूरी सामान लेकर गया था। बतया जा रहा है कि हादसा खराब मौसम की वजह से हुआ।
जानकारों के मुताबिक एमआई-17 वीएम हालांकि काफी मजबूत माना जाता है, यह हेलिकॉप्टर बहुत ही गुणवत्ता वाला था और इसे गत वर्ष ही रूस से ख़रीदकर वायुसेना में शामिल किया गया था। यह 80 हेलिकॉप्टर खरीद के सौदे का हिस्सा था।
हालांकिए उत्तराखंड के मौजूदा हालात में हुई यह दुर्घटना आश्चर्यजनक नहीं कही जाएगी। हेलिकॉप्टर ब्लेड बारिश के मामले में काफी संवेदनशील होते हैं। ऐसे भीगे मौसम में हेलिकॉप्टर उड़ाना काफी जोखिम भरा काम था। मगर, हालात की जरूरत को देखते हुए सेना ने यह जोखिम लिया। सेना आगे भी यह जोखिम लेती रहेगी।
एयरफोर्स के प्रवक्ता ने बताया कि इलाके में बचाव अभियान जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि एमआई-17 हेलिकॉप्टर हादसे की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश दे दिए गए हैं। इस एक्सिडेंट के बाद भी गुप्तकाशी, केदारनाथ और आसपास के इलाकों में हेलीकॉप्टरों की उडा़न जारी है। इसे फिलहाल स्थगित नहीं किया गया है। मकसद यह है कि रौशनी जब तक है, ज्यादा से ज्यादा लोगों को बचा लिया जाए। वायुसेना ने इस एक्सिडेंट की इंक्वायरी के आदेश दे दिए हैं।