नई दिल्ली : जम्मू और कश्मीर के उरी सेक्टर में सेना के एक कैम्प पर रविवार तड़के सोते हुए जवानों पर पाकिस्तान से आए 4 आतंकवादियों द्वारा हमला करके के बाद पूरे देश दहल उठा। इस हमले में 20 जवान शहीदी हो गए। शहीद हुए 20 जवानों में से 17 की पहचान कर ली गई है। जवानों में 15 बिहार रेजिमेंट के और 2 डोगरा रेजिमेंट के हैं, जबकि 16 जवान अभी जख्मी हालात में भर्ती हैं।
जवाबी कार्रवाई में चारों आतंकियों को मार गिराया गया। सभी आतंकवादी जैश ए मोहम्मद आतंकी संगठन के थे। आज सोमवार को शहीदों को श्रीनगर में श्रदांजलि दी जाएगी। उसके बाद शहीदों के पार्थिव शरीर को दिल्ली लाया जाएगा।
गौरतलब है कि आतंकियों ने कैंप के उन टेंट्स को निशाना बनाया जहां पर जवान ड्यूटी खत्म कर सो रहे थे। आतंकियों ने इन्हीं टेंट्स पर लगातार ग्रेनेड्स फेंके जिससे इनमें आग लग गई। ज्यादातर जवान इसी आग में झुलसकर शहीद हो गए।
सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि 4-4 के ग्रुप में जम्मू और कश्मीर में घूम रहे हैं पाकिस्तान से आए 12 आतंकी। एलओसी से 16 आतंकी घुसे थे। ये आतंकी तीन हिस्सों में बंट गए और इनमें से एक गुट ने उरी में हमला किया। घुसपैठिए आतंकियों का एक गुट बड़े हमले के इरादे से पुंछ की तरफ गया तो दूसरा गुट श्रीनगर की तरफ निकला।
पाकिस्तानी हथियारों से लैसे थे आतंकी : हमले के बाद सेना की जवाबी कार्रवाई में ढेर चारों आतंकियों से मिले हथियारों समेत कई सामान पाकिस्तान में ही बना हुआ है। हर बार की तरह पाकिस्तान ने कहा है कि उरी हमले में उनका हाथ नहीं है। पाकिस्तान का कहना है कि भारत ने जांच के बिना ही आरोप लगा दिए हैं।
जानकारी के मुताबिक आतंकी भारी हथियारों और गोलाबारूद से लैस थे। आतंकियों को मार गिराने के लिए पैरा कमांडोज को बुलाया गया। 6 घंटे के भीतर पैरा कमांडोज़ ने चारों आतंकियों को मार गिराया। सभी पाकिस्तान आतंकी थे।
लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने बताया कि जैसा कि ‘हमें आतंकियों के पास से कुछ ऐसे सामान मिले हैं जो पाकिस्तान में बने हुए हैं इसलिए मैंने पाकिस्तानी डीजीएमओ से बात की और अपनी गंभीर चिंता के बारे में उन्हें बता दिया है।’
इस हमले के बाद भारत सरकार पर बदला लेने का जबर्दस्त दबाव है। कल राजनाथ सिंह के घर बैठक में प्लान बना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंजूरी के बाद बड़ा एक्शन होने की उम्मीद जताई जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले की निंदा करते हुए कहा है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। ट्वीट में प्रधानमंत्री ने लिखा है, ‘हम उरी में हुए कायराना हमले की निंदा करते हैं। मैं देश को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि इस घिनौने हमले के पीछे जो भी हैं उन दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। हम सभी शहीदों को नमन करते हैं, देश के लिए उनकी सेवाएं हमेशा याद रखी जाएंगी।’
हमले के बाद राजनाथ सिंह ने कहा है कि अब वक्त आ गया है कि पाकिस्तान को अलग-थलग कर देना चाहिए। राजनाथ ने कहा है कि ‘उरी हमले में शामिल आतंकी प्रशिक्षित और भारी हथियारों से लैस थे। पाकिस्तान एक आतंकी राष्ट्र है और इसे पहचान कर अलग-थलग कर दिया जाना चाहिए।’
शहीदों को श्रधांजली और सलाम
शहीद 17 जवानों में से दो डोगरा रेजीमेंट और 15 बिहार रेजीमेंट हैं. डोगरा रेजिमेंट वाले जवान जम्मू कश्मीर के रहने वाले थे। जबकि बिहार रेजिमेंट के शहीद जवानों में 4 यूपी, 3 बिहार, 3 महाराष्ट्र, 2 झारखंड, 2 पश्चिम बंगाल और 1 राजस्थान के थे। घायल हुए जवान भी अलग-अलग हिस्सों से हैं. शहीद जवानों के नाम इस प्रकार हैं।
1. सुबेदार करनैल सिंह : बिशना, जम्मू (जम्मू-कश्मीर)
2. हवलदार रवि पाल : सांबा, जम्मू (जम्मू-कश्मीर)
3. सिपाही राकेश सिंह : कैमूर, बिहार
4. सिपाही जावरा मुंडा : खूंटी, झारखंड
5. सिपाही नायमन कुजूर : गुमला, झारखंड
6. सिपाही उके जनराव : अमरावती, महाराष्ट्र
7. हवलदार एनएस रावत : राजसमंद, राजस्थान
8. सिपाही गणेश शंकर : संत कबीर नगर, यूपी
9. नायक एसके विद्यार्थी : गया, बिहार
10. सिपाही विश्वजीत गोराई : द. 24 परगना, वेस्ट बंगाल
11. लांस नायक जी शंकर : सतारा, महाराष्ट्र
12. सिपाही जी दलाई : हावड़ा, वेस्ट बंगाल
13. लांस नायक आरके यादव : बलिया, यूपी
14. सिपाही हरिंदर यावद : गाजीपुर, यूपी
15. सिपाही टीएस सोमनाथ : नासिक, महाराष्ट्र
16. हवलदार अशोक कुमार : भोजपूर, बिहार
17. सिपाही राजेश कुमार सिंह : जौनपुर, यूपी