सोमवार को भारत ने यमन से करीब 1052 भारतीय नागरिकों को बाहर निकाल लिया। इनके साथ ही युद्धग्रस्त यमन से अब तक कुल 3300 भारतीयों को सुरक्षित भारत पहुंचा दिया गया है। इन लोगों में कुछ बच्चे भी शामिल हैं। इनमें एक नवजात बच्चा भी है, जिसे एक नई जिंदगी नसीब हुई है। इसके साथ ही भारत सरकार अब अपनी योजना ‘राहत’ को कुछ दिनों में समाप्त करने की योजना बना रही है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि 574 नागरिकों को सेना से एयर इंडिया के विमान से निकाला गया जिसने तीन उड़ानें भरीं। वहीं 479 लोगों के एक समूह को अल हुदायदाह से आईएनएस मुम्बई ने बचाया। इन्हीं लोगों के समूह में कई बच्चे भी थे, जिनमें एक नवजात बच्चे को भी नई जिंदगी मिली।
इस बीच अमेरिका, बांग्लादेश और इराक सहित 25 देशों ने हिंसा प्रभावित देश से अपने नागरिकों को निकालने में भारत से सहायता मांगी है। हालांकि पाकिस्तान ने अपने नागरिकों को निकालने के लिए मदद नहीं मांगी है लेकिन भारत ने राहत अभियान के दौरान पाकिस्तानी नागरिकों को भी बचाया। पाकिस्तान ने भी 11 भारतीयों को अल मुकाल्लाह से लेकर आया था।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बचाव अभियान यमन में खराब होती स्थिति के बावजूद जारी है। उन्होंने बताया कि यमन में भारतीयों की संख्या करीब पांच हजार थी जिसमें से एक हजार महिलाएं थीं जिन्होंने यमनी नागरिकों से विवाह कर लिया था। सना में भारतीयों की संख्या करीब तीन हजार होगी जबकि करीब 554 अदन में और 298 अपतटीय तेल क्षेत्रों में होगी।