अररिया जिले में 89 हजार 750 शीतलहरी के प्रकोप से प्रभावित लोग हैं। 63 जगहों पर अलाव की व्यवस्था की गयी है। 50 हजार रू. में 32 हजार 718 रू.खर्च कर दिया गया है। भोजपुर में 11 हजार 500 लोग प्रभावित हुए हैं। 18 जगहों पर अलाव की व्यवस्था है। 402 किलोग्राम लकड़ी जला दिये है। इस पर कुल खर्च 4 हजार 965 रू. खर्च किया गया है। भागलपुर में 10 हजार 325 लोग प्रभावित हैं। इस जिले को 1 लाख 50 हजार विमुक्त किया गया है। इसी तरह अन्य जिलों में भी अलाव के लिए राशि की व्यवस्था कर दी गयी है।
यह जरूर ही आपदा प्रबंधन विभाग के द्वारा सूबे के विभिन्न जिले के 1002 स्थानों पर अलाव की व्यवस्था कर दी है। इसके लिए 28 लाख रू. विमुक्त कर दिया गया है। लकड़ी जल रही है। लोग अलाव की गर्मी ले रहे हैं। लोग अलाव की जगह से हटना ही नहीं चाहते हैं। कारण कि अगर सोने के लिए जाते हैं। तो उनके पास बिछावन नहीं है। अगर बिछावन है तो वह ठंड से निजात दिलवाने में नाकामयाब है। इसका मतलब रात से सुबह तक अलाव के पास ही जमे रहते हैं। यह सुखद बात है कि अभी तक किसी की मौत ठंड से नहीं होने की खबर है। क्या किसी की मौत के बाद ही सरकार नींद से जागेंगी?
अभी लोग सो नहीं पा रहे हैं। आखिर लोग किस तरह से सो पाएंगे? अभी तक सरकार के द्वारा कम्बल वितरण करने की योजना नहीं है। अगर कुछ कम्बल वितरण भी हुआ है वह एनजीओ अथवा सामाजिक व्यक्तियों के द्वारा ही किया गया है। मुख्य सचिव, बिहार/ विकास आयुक्त/ प्रधान सचिव, मुख्यमंत्री सचिवालय/प्रधान सचिव के प्रधान आप्त सचिव, आपदा प्रबंधन विभाग/संयुक्त सचिव, आपदा प्रबंधन विभाग/निदेशक,जनसर्म्पक विभाग/माननीय मंत्री,आपदा प्रबंधन विभाग के आप्त सचिव को सूचनार्थ प्रेषित किया गया है। आपदा प्रबंधन विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी विपिन कुमार राय ने जानकारी दी है।