मुजफ्फरपुर: बिहार में स्वास्थ्य विभाग की लाख कोशिशों के बावजूद मुजफ्फरपुर जिले समेत कई जिलों में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिण्ड्रोम (एईएस) से बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इंसेफलाइटिस से इस वर्ष अब तक 46 बच्चों की मौत हो चुकी है। हालांकि गैर-सरकारी आंकड़ों के अनुसार यह संख्या लगभग 61 बताई जा रही है।
मुजफ्फरपुर जिला के सिविल सर्जन डॉ़ ज्ञानभूषण ने गुरुवार को बताया कि इस बीमारी से पीड़ित अब तक 149 बच्चे विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि आज इंसेफलाइटिस से पीड़ित एक और बच्चे की मौत हुई है जिससे मरने वाले बच्चों की संख्या 46 तक पहुंच गई है। उन्होंने बताया कि श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एसकेएमसीएच) तथा केजरीवाल अस्पताल से अब तक 52 मरीजों को छुट्टी दी जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मुजफ्फरपुर को मिले 47 अतिरिक्त चिकित्सकों में से 37 चिकित्सकों ने योगदान दे दिया है तथा 29 अतिरिक्त एंबुलेंस भी यहां पहुंच गए है। इधर, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह ने कहा कि मरीजों को हर सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि पीड़ित मरीजों के लिए एंबुलेंस गांव-गांव पहुंच रही है तथा गांव-गांव तक लोगों के बीच इस बीमारी के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
चिकित्सकों के मुताबिक बच्चे को तेज बुखार, शरीर में ऐंठन जैसे लक्षण दिखें तो इसे नजरअंदाज न करें बल्कि नजदीक के स्वास्थ्य केन्द्र पर पहुंचें। चिकित्सकों के मुताबिक अधिकांश मरीज मुजफ्फरपुर, वैशाली और सारण जिले से आ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष भी इस बीमारी से राज्य में 150 से अधिक बच्चों की मौत हुई थी जबकि वर्ष 2012 में इस अज्ञात बीमारी से 100 से ज्यादा बच्चों ने अपनी जान गंवा दी थी।