पथराव की सूचना पर पुलिस के आला अघिकारी भारी पुलिस बल के साथ जाम खुलवाने पहुचे लेकिन जाम लगा रहे लोगो ने पुलिस पर पुनः पथराव कर दिया तो पुलिस ने लाठी चार्ज किया लेकिन जब लाठी चार्ज का भी लोगो पर असर नहीं हुआ तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले व रबड़ बुलेट चला कर जैसे तैसे लोगों को खदेड़ कर जाम खुलवा कर बच्ची की लाश को कब्जे में लिया। इसके बाद पुलिस ने पूरे मौहल्ले की घर – घर तलाशी लेकर जाम लगाने वाले 35 लोगों को पकड़ा। इस इलाके के लोग अक्सर किसी ना किसी बात को लेकर रोड़ जाम कर देते है और पुलिस के लिए सरदर्द बन जाते है। पुलिस व उपद्रविओं मे कर्इ बार झड़प हुर्इ और उपद्रवियों ने पथराव कर पुलिस को कर्इ बार काफी दूर तक खदेड़ दिया फिर पुलिस ने आंसू गैस के गोले व रबड़ बुलेट फायर कर उपद्रवियों को भागने के लिए मजबूर कर दिया। जब उपद्रवी भाग कर अपने घरों मे घुस गये। तो पुलिस ने घरों की तलाशी ली और 35 लोगों को उपद्रव के शक में गिरफ्तार कर लिया। लेकिन पुलिस ने तीस लोगो को छोड़ दिया और केवल पांच लोगों को उपद्रव करने के अरोप मे गिरफ्तार कर लिया।
शाम को डी.आर्इजी. प्रकाश डी ने कहा की शासन ने पुलिस की कार्यवाही को जरूरत से ज्यादा सख्त बताया है। इस लिए शासन ने एक हैड कास्टेबल व एक कांस्टेबल को सस्पैन्ड कर दिया। तथा सी.औ. अरूण कुमार को सकि्रल से हटा कर आफिस अटैच कर दिया। जिस तरह से लोगो ने लड़की की मौत के बाद जाम लगाया और पुलिस पर पथराव कर काफी दूर तक खदेड़ा उसके बाद शासन की पुलिस कर्मियो व अघिकारीयों के खिलाफ की गर्इ कार्यवाही से पुलिस का मनोबल जरूर गिरेगा और आगे से जाम लगा रही भीड़ पर कार्यवाही करने से पहले सोचेगे जरूर।