कोलकाता : कोलकाता स्थित भारतीय बाल स्वास्थ्य संस्थान (आईसीएच) में सांस लेने में परेशानी होने के बाद भर्ती 8 वर्षीय एक बच्चे और अस्पताल में कार्यरत नर्स के कोरोना वायरस (Corona virus) कोविड-19 से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इनके अलावा नवजात शिशु शाखा और बाल चिकित्सा वार्ड की 10 और नर्सें बुखार से पीड़ित हैं।उन्होंने बताया कि अभी यह पुष्टि नहीं हुई है कि क्या वे भी कोरोना वायरस से संक्रमित हैं क्योंकि उनके नमूने अभी तक नहीं लिए गए हैं।
सूत्रों ने बताया कि संक्रमित बच्चा कराया रोड का निवासी है और सांस लेने में तकलीफ होने की शिकायत के बाद गुरुवार की सुबह उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसके बाद नमूने कोविड-19 जांच के लिए भेजे गए थे।
जब बच्चे के पिता से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि उनके बच्चे को जन्म से ही सांस लेने में समस्या है और हाल फिलहाल उसने कोई यात्रा नहीं की है। पेशे से बैंककर्मी पिता ने बताया, हमारा छोटा परिवार है और चार लोगों में कोई बीमार नहीं था। इसलिए मेरे बेटे के कोरोना वायरस से संक्रमित होना आश्चर्यजनक और स्तब्ध करने वाला है।
आईसीएच के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बच्चे के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद अभिभावक से उसे शुक्रवार सुबह एमआर बांगुर अस्पताल ले जाने को कहा गया। उसके नाक और गले से नमूने एकत्र कर राजारहाट स्थित टाटा मेडिकिल सेंटर भेज दिया गया है।
अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि 34 वर्षीय नर्स जो कोरोना पॉजिटिव पाई गई हैं, वह दक्षिण 24 परगना जिले के जिबंतला की रहने वाली हैं। उन्होंने बताया कि वह अस्पताल के नवजात शिशु शाखा में काम करती है। सूत्रों ने बताया कि बाकी 10 नर्स जो बुखार से पीड़ित हैं, वे भी संक्रमित नर्स की सहकर्मी हैं।
अस्पताल में कार्यरत एक नर्स ने पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि लॉकडाउन की वजह से अस्पताल में ही रहने का फैसला करने वाले चिकित्साकर्मी छोटे कमरे में बिना किसी तरह की सुरक्षा के रह रहे हैं।
उसने बताया, करीब 26 कर्मचारी अस्पताल के छोटे से कमरे में रह रहे हैं। हमें मास्क या व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) मुहैया नहीं कराया गया है। हमें नहीं पता कि हमारी किस्मत में क्या लिखा है। यह भयभीत करने वाला क्षण है। इस मुद्दे पर अस्पताल प्रशासन तत्काल टिप्पणी करने के लिए उपलब्ध नहीं हुआ।
इस बीच, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सागर दत्ता चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के डॉक्टर सहित 35 स्वास्थ्यकर्मियों को पृथकवास में रखा गया है। यह कदम उनके दो सहकर्मियों के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद उठाया गया है।