गौरतलब है कि, यूपी सरकार के मंत्री आजम खान ने कहा था कि किसी भी सूरत में यात्रा नहीं होने दी जाएगी। कोसी परिक्रमा से पहले अयोध्या को छावनी में तब्दील कर दिया गया। इलाके में प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए। सरयू घाट और आसपास के इलाकों में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों के जवान तैनात हैं। फैजाबाद और अयोध्या समेत गोंडा, अंबेडकरनगर, बाराबंकी, बहराइच, बस्ती जिलों में धारा 144 लागू है। बाराबंकी से फैजाबाद के सभी रास्तों पर पुलिस और दूसरे सुरक्षा बल तैनात हैं।
इस विवादास्पद यात्रा से पहले दिन अधिकतर साधु-संत ने दूरियाँ बनाई रखी। यूपी सरकार ने भी इस पर राहत की सांस ली। यूपी के शहरी विकास मंत्री आजम खान ने वीएचपी की परिक्रमा यात्रा में सहयोग न करने के लिए साधु-संतों का शुक्रिया अदा किया। इससे पहले रविवार सुबह अयोध्या से जैसे ही यात्रा शुरू हुई, वीएचपी के बड़े नेताओं अशोक सिंघल, प्रवीण तोगड़िया, महंत नृत्यगोपाल दास, पूर्व सांसद राम विलास वेदांती समेत 1696 लोगों को हिरासत में ले लिया गया। सभी को 14 दिन तक हिरासत में रखा जाएगा।
इसके पहले उत्तर प्रदेश सरकार के साथ टकराव का मोर्चा खोलते हुए रामजन्भूमि न्यास समिति के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास अपने मंदिर मणिराम छावनी से बाहर निकले और कुछ साधु संतों के साथ दस कदम चल कर यात्रा की प्रतीकात्मक शुरुआत की। इसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
इसी के साथ भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने सिंघल तथा अन्य साधु संतों की गिरफ्तारी और चौरासी कोसी अयोध्या परिक्रमा पर लगे प्रतिबंध की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार का यह कदम दुर्भाग्यपूर्ण है, और उसे किसी धार्मिक कार्यक्रम में व्यवधान नहीं डालना चाहिए। शहर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं, जबकि विहिप ने घोषणा की है कि वह यात्रा के कार्यक्रम पर आगे बढ़ेगी, जिसे सत्तारूढ़ सपा सरकार ने सांप्रदायिकता भड़कने की आशंका के चलते प्रतिबंधित कर दिया है।
वहीँ अयोध्या के गोलाघाट में अपनी गिरफ्तारी के तुरंत बाद तोगड़िया ने कहा कि 84 कोसी परिक्रमा पर उत्तर प्रदेश सरकार के प्रतिबंध के खिलाफ सोमवार को समूचे देश में प्रदर्शन किए जाएंगे। उन्होंने कहा, यह राजनीतिक नहीं, बल्कि धार्मिक यात्रा है और इस पर सरकार का प्रतिबंध और दमन किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। तोगड़िया ने कहा, अब यह आंदोलन भारत के गांव-गांव में जाएगा और कल देश के सभी जिला मुख्यालयों में धरना प्रदर्शन किया जाएगा।