कानपुर के किदवई नगर इलाके में रहने वाले 87 वर्षीय शिब्बल लाल कभी सोचा नहीं था कि उम्र के इस पडाव में उन्हें अपनी 70 वर्षीय पत्नी से छुटकारा पाने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा। खुद शिब्बल लाल के मुताबिक़ उनकी पत्नी पेंजी खुद को जला लेने की धमकी देती है साथ ही आये दिन मारपीट भी करती है रोज रोज की चिकचिक से तंग आकर हमने अदालत का दरवाजा खटखटाया है और गुहार लगाई है हमें हमारी बीवी से छुटकारा दिलाया जाय।
दरअसल शिब्बल लाल का पूरा हँसता खेलता परिवार है आज से चालीस साल पहले इनकी पहली पत्नी रानी का देहांत हो गया था, इनकी पहली पत्नी से इनको पांच बच्चे थे जिसमे दो लड़के और तीन लड़की है पत्नी की मौत के बाद बच्चो की देखभाल और अपने बुढापे के साथी की तलास में इस बुजुर्ग ने क्रिस्चन समुदाय की लड़की पेंजी से पत्नी की मौत के 6 महीने बाद ही शादी कर ली थी, तब इन्हें नहीं पता था कि इनकी दूसरी बीवी बुढापे में ही इनके लिए सिरदर्द बन जायेगी। शिब्बल लाल को पेंजी से दो बेटी और दो बेटा है शिब्बल लाल ने अपने सभी बेटे और बेटियों के घर बसा कर निश्चिन्त हो गए थे।
शिब्बल लाल के मुताबिक़ इस उम्र में उनकी पत्नी अपनी बेटियों और दामाद के बहकावे में आकर उनके लाखो की कीमत के मकान पर कब्ज़ा करना चाहती है और इसके लिए उनपर दबाव बना रही है वो चाहती है कि मई अपना मकान उसकी बेटियो के नाम कर दूए और अपने बेटो को कुछ ना दूए शिब्बल लाल ने कई बार उसे समझाने की कोसिस कीए मगर वो मानने को तैयार नहीं है करीब तीन साल पहले पेंजी शिब्बल लाल का साथ छोड़ अपनी बड़ी बेटी के पास ही रह रही है।
आये दिन की कलह से उबकर शिब्बल लाल ने 24 मई को कानपुर के परिवार अदालत में अपनी पत्नी पेंजी से तलाक लेने के लिए अर्जी दाखिल की थीए मगर अदालत ने इस अर्जी को ये कहते हुए स्वीकार करने से मना कर दियाए कि क्रिसचन एक्ट में तलाक का कोई प्रावधान नहीं है एसे में शिब्बल लाल के वकील ने कोर्ट को विवाह विच्छेद ; तलाक द्ध अधिनियम 1869 की धारा 10 की उप धारा 10 का हवाला दियाए जिसके बाद 1 जून को अदालत ने इनकी अर्जी स्वीकार कर लीए और तलाक की सुनवाई के लिए शिब्बल लाल की पत्नी पेंजी को नोटिस जारी करते हुए 5 अगस्त की तारीख दी है।