नई दिल्ली : बिसरख कोतवाली क्षेत्र के गांव शाहबेरी में जीवन ज्योति कॉलोनी के करीब मंगलवार की रात करीब साढ़े नौ बजे एक ही परिसर में स्थित दो इमारतें धराशायी हो गईं। छह मंजिली दोनों इमारतों में रह रहे 12 परिवारों के सदस्यों व चार मजदूरों समेत 50 से भी ज्यादा लोगों के दबे होने की आशंका है, वहीं तीन लोगों की मौत हो गई। यह भी जानकारी सामने आ रही है कि इस हादसे के लिए जिम्मेदार बताए जा रहे तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें बिल्डर गंगा शरण द्विवेदी भी शामिल हैं। गिरफ्तार अन्य दो लोग बिल्डर के सहयोगी बताए जा रहे हैं। हादसे को 16 घंटे से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन तकरीबन 50 से अधिक लोग अब भी मलबे में ही दबे हुए हैं।
जिलाधिकारी बीएन सिंह व एसपी देहात आशीष श्रीवास्तव समेत छह थानों की पुलिस व गाजियाबाद से नेशनल डिजास्टर रेस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) की टीम मौके पर पहुंची और रात करीब साढ़े दस बजे के बाद राहत तथा बचाव कार्य शुरू किया। एनडीआरएफ की चार टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी हैं।
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, हादसे में अब तक तीन लोगों के शव निकाले गए हैं। मौके पर पांच बुलडोजर व दो हाईड्रोलिक क्रेनों को लगाया गया है।
देर रात एक बजे तक दो ही शव निकाले जा सके थे, तीसरा शव सुबह निकाला जा सका। वहीं, बताया जा रहा है कि निर्माणाधीन इमारतों के धराशाई होने से अभी भी कई परिवारों के लोग मलबे में दबे हुए हैं। अपने दोस्तों को देखने पहुंची युवती रोते हुए एक युवती ने बताया कि उसके 3 साथी इसी इमारत में रहते थे, जिनका पता नहीं चला है।
पुलिस के मुताबिक दोनों इमारतें अवैध रूप से बनाई गई थीं। एक इमारत तो पूर्ण हो गई थी, जबकि एक में कुछ काम चल रहा था। पूर्ण इमारत में 12 परिवार रहने लगे थे। जिस इमारत में काम चल रहा था उसमें चार मजदूर रहते थे। रात करीब साढ़े नौ बजे अचानक दोनों इमारतें भरभराकर गिर गईं। इसके कारण उनके अंदर रह रहे परिवारों के सदस्य व चार मजदूर मलबे में दब गए। इनकी संख्या 50 से भी ज्यादा हो सकती है। तेज आवाज के साथ इमारतों के गिरते ही आसपास में अफरातफरी मच गई।
लोगों ने पुलिस को फोन किया। सबसे पहले मौके पर जिलाधिकारी पहुंचे। इसके बाद छह थानों की पुलिस पहुंची। गाजियाबाद से एनडीआरएफ की 20 सदस्यीय टीम के पहुंचने के बाद राहत व बचाव कार्य में तेजी आई। बचावकर्मी घटनास्थल पर बुलडोजर व क्रेनों की मदद से मलबा हटाने में जुट गए।