नई दिल्ली : दुनिया भर में अगर मोटे लोगो की बात की जाए तो एक से बढ़कर एक मोटे लोग देखने को मिल जायेंगे इन्ही में से एक हैं पैट्रिक जुएल। पैट्रिक जुएल रेस्टोरेंट में मैनेजर की नौकरी किया करते थे। 5 फुट 7 इंच के पैट्रिक का वजन 486 किलो था। मोटापे का आलम ये था कि जब उन्हें अस्पताल ले जाना था तो लोगों को उनके कमरे की दीवारें तोड़नी पड़ी थीं औऱ फिर उन्हें बाहर लाया गया था। वरना सीधे दरवाजे से बाहर आना संभव नहीं था। वजन के कारण ही पैट्रिक सात साल तक अपने घर से बाहर नहीं निकल पाए थे।
उनके लिए खास एंबुलेंस भी मंगवाई गई थीं जिसमें खूब बड़े बड़े दरवाजे थे और चौड़ा सा पटरा जिसके जरिए उन्हें अंदर चढ़ाया गया था। अस्पताल में एक साल तक रहने के बाद पैट्रिक ने 258 किलो वजन घटाया और वे आज भी जिंदा हैं।
1943 में अमेरिका में जन्मीं रोजली ब्रैडफोर्ड 2013 तक दुनिया की सबसे वजनदार महिला थीं। उनका वजन 477 किलो था और उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी लिखा गया था। 20 की उम्र से उनका वजन बढ़ना शुरू हुआ जो फिर कभी कम नहीं हो सका।
वो 8 साल तक बिस्तर पर पड़ी रहीं और बिलुकल चल फिर नहीं पाती थीं। लेकिन फिर वो फिटनेस विशेषज्ञ रिचर्ड सिमन्स से मिलीं और उन्होंने रोजली को वजन घटाने के लिए प्रेरित किया। रोजली ने एक साल की कसरत के बाद 190 किलो घटाया। लगातार कोशिश करते रहने के बाद उन्होंने कुल 348 किलो वजन कम किया।