पटना : बिहार की इस घटना को सुनकर आप भी दहल उठेंगे। यहां जान जाने के बाद भी जब अंतिम संस्कार के लिए दो गज जमीन नसीब नहीं हुई। हारकर परिजनों ने घर में ही शव को दफन कर दिया। दिल दहला देने वाला यह मामला बिहार के मधुपुरा का है। बिहार के मधुपुरा की इस घटना को जिस किसी ने भी सुना वह सिहर उठा। अब आपके दिमाग में भी ये सवाल घूम रहा होगा कि भला ऐसी क्या मजबूरी हुई होगी कि अंतिम संस्कार के लिए जमीन नहीं मिली और घर पर शव दफनाया गया। घटना वाकई हृदयविदारक है। घटना जिले के कुमारखंड प्रखंड के लक्ष्मीपुर चंडीस्थान पंचायत के केवटगामा की है।
दरअसल, 10 सितंबर की रात टोला की रहने वाली 35 साल की सोहगिया देवी की डायरिया की वजह से जान चली गई थी। अंतिम संस्कार के लिए परिजन पास की जमीन पर गए। लेकिन, लोगों ने वहां शव जलाने से मना कर दिया। इसके बाद अंतिम संस्कार के लिए परिजन एक के बाद एक लोगों से दो गज जमीन की भीख मांगने लगे, लेकिन परिजनों की मजबूरी किसी ने नहीं सुनी। हारकर वे शव को लेकर घर लौटे और घर में ही दफन कर दिया।
सोहगिया देवी के पति हरिनारायण ऋषिदेव ने बताया कि उनके पास घर के अलावा और कहीं जमीन नहीं है। लोगों ने मिन्नत करने के बाद भी अंतिम संस्कार की इजाजत नहीं दी। इस कारण घर में ही शव को दफना दिया। पंचायत के पूर्व मुखिया ने कहा कि गांव में शमशान नहीं होने के कारण किसी की जान चली जाने पर काफी परेशानी होती है। जिसके पास जमीन है वह तो अपनी जमीन पर अंतिम संस्कार करता है। लेकिन, जिसके पास अपनी जमीन नहीं होती, उसे परेशानी होती है। हालांकि ग्रामीणों ने प्रशासन से शमशान के लिए जमीन उपलब्ध कराने की मांग की है।