छपरा, बिहार: बिहार में गंगा नदी समेत कई अन्य नदियों में पानी बढ़ रहा है। इससे बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। कई गांवों में तो पानी भी घुस गया है। ऐसा ही कुछ हाल छपरा जिले का है। छपरा के रिविलगंज के प्रभुनाथ नगर पंचायत के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। पानी लोगों के घरों में घुस गया है। लोग घरों में पानी घुसने के कारण परेशान हैं मगर प्रशासन अभी तक राहत और बचाव कार्य में नहीं लगा है।
ऐसा नहीं है कि बाढ़ का पानी सिर्फ आम लोगों के घर में ही घुसा है। प्रभुनाथ नगर पंचायत में पंचायत भवन सहित तमाम सरकारी भवनों में भी बाढ़ का पानी घुस गया है। यहां के लोग पलायन भी करने लगे हैं। सारण के डीएम ने कहा कि बाढ़ का पानी अब घटने लगा है। उन्होंने दावा किया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में पर्याप्त नावों की व्यवस्था की गई है।
दूसरी तरफ कोसी के इलाकों में भी हर साल की तरह इस साल भी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। कोसी के जलस्तर में भी इजाफा हुआ है। वैसे ही खतरनाक बिन्दुओं पर कटाव का दवाब बढ़ना भी शुरू हो गया। पूर्वी तटबंध के पहारपुर गांव के समीप 78.30 किमी पर स्थित पुराने तटबंध के आसपास लूप बनाते हुए नदी काफी नजदीक आ गयी है। इलाके के स्पर नोज एवं E2 के बीच 150 से 200 मीटर बीच कटाव हो रहा है।
हालांकि जल संसाधन विभाग के अधिकारी कटाव स्थल पर कैम्प कर रहे हैं। यदि कटाव से पुराना तटबंध ध्वस्त हो जाता है तो सीधा दबाव मुख्य बांध पर बढ़ जायेगा, ऐसे में खतरा बढ़ जायेगा। कटाव स्थल पर मौजूद मुख्य अभियंता की मानें तो जल संसाधन विभाग की पूरी टीम लगी हुई है कोई दहशत में नहीं है। वहीं, सहरसा समेत कोसी के कई इलाकों में भी लगातार बाढ़ का खतरा लगातार बना हुआ है।