तेजस्वी-राहुल की बैठक में हुई थी ‘डील’: जानिये, BJP के सवर्ण वोट बैंक में कांग्रेस ने कैसे मारी सेंध

पटना : बिहार कांग्रेस को मंगलवार को स्थाई अध्यक्ष मिल गया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मदन मोहन झा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। सूत्रों की माने तो राहुल गांधी और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की पिछली बैठक में कांग्रेस को सवर्णों पर फोकस करने पर सहमति बनी थी। हालांकि पार्टी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष इस बात से इनकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस सभी धर्मों, जातियों और वर्गों की पार्टी है।

अध्यक्ष बनने के बाद मदन मोहन झा ने कहा कि वह बचपन से ही कांग्रेस के साथ जुड़े रहे हैं। उनके पिता का संबंध भी कांग्रेस से था। मेरे खून में कांग्रेसी है और आजीवन कांग्रेस का ही रहूंगा। शायद यही कारण होगा जो कांग्रेस नेतृत्व ने मुझे यह जिम्मेदारी सौंपी है। मुझे प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है इसका यह मतलब नहीं है कि मैं बहुत ज्यादा होशियार हूं। मेरे से भी अच्छे कई नेता हैं। कांग्रेस सभी का समायोजन करके चलती है। उन्होंने कहा कि मैं सबको साथ लेकर चलने वाला हूं।

मदन मोहन झा बिहार की राजनीति में कोई नया नाम नहीं है। उनके पिता डॉ. नागेंद्र झा मिथिला क्षेत्र से आते थे और बिहार की राजनीति में एक कद्दावार नेता हुआ करते थे। वे मंत्री पद भी संभाल चुके हैं। जानकारों की माने तों बिहार की राजनीति में खराब से खराब परिस्थिति आने के बाद भी मदन मोहन झा परिवार ने कांग्रेस का दामन नहीं छोड़ा जबकि वहीं मिथिला क्षेत्र से आने वाले ललित नारायण मिश्र एवं जगन्नाथ मिश्र परिवार ने समय बदलते हीं जदयू और भाजपा का दामन थाम लिया।

डॉ मदन मोहन झा अभी विधान परिषद के सदस्य हैं। इससे पहले भी पार्टी आलाकमान ने कई बार उनपर भरोसा करते हुए उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है। गांधी परिवार से अच्छे संबंध होने के कारण ही उन्हें महागठबंधन की सरकार में मंत्री पद भी दिया गया था। जानकारों की माने तो मदन मोहन झा का परिवार शुरू से ही गांधी परिवार का वफादार रहा है। अब जबकि देश भर में गरीब सवर्णों को आरक्षण देने की बात हो रही है तो ऐसे समय में ब्राहमण जाति से आने वाले नेता को कांग्रेस ने अपना नया अध्यक्ष बनाया है।