नई दिल्ली : अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में सोमवार को उस जगह के निकट भीषण विस्फोट हुआ, जहां सैकड़ों की संख्या में अल्पसंख्यक हजारा समुदाय के लोग प्रदर्शन कर रहे थे। यह लोग तालिबान द्वारा समुदाय को निशाना बनाए जाने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। इस विस्फोट में लोगों के हताहत होने की आशंका है। न्यूज वेबसाइट के अनुसार संवाददाताओं ने विस्फोट की आवाज सुनी। गृह मंत्रालय के मुताबिक यह विस्फोट काबुल के व्यस्त इलाके में एक हाई स्कूल के सामने हुआ।
क्यों कर रहा था हजारा समुदाय कर रहा था प्रदर्शन
अमेरिकी दूत जलमय खलीलजाद के लौटने के बाद गजनी के जगहोरी जिले में आतंकियों ने हमला कर दिया। इस जिले में अधिक संख्या में हाजरा समुदाय रहता है। यह एक अल्पसंख्यक समुदाय है। एक झड़प के दौरान आतंकवादियों ने 15 नागरिकों समेत 25 लोगों को मार दिया। अन्य 10 लोग अफगानिस्तान के विशेष बल के सदस्य थे। इस बात की जानकारी प्रांतीय पुलिस के प्रवक्ता अहमद खान सिरात ने दी।
सिरात ने आगे कहा कि 14 लोग इस हमले में घायल भी हुए हैं। इन 14 लोगों में 6 विशेष बल के सदस्य और 8 नागरिक हैं। इस जिले में बुधवार से ही झड़प चल रही हैं। इसके अलावा तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने भी जानकारी दी है कि 22 अफगान कमांडो मारे गए हैं और अधिक संख्या में घायल भी हुए हैं। जिसके बाद राजधानी काबुल में भी गुरुवार को विशेष बल तैनात किया गया।
जानिये, क्यों कर रहा तालिबान इस समुदाय पर हमले
तालिबान हाजरा समुदाय के लोगों को इसलिए निशाना बना रहा है क्योंकि यह शिया समुदाय से है। जबकि तालिबान सुन्नी और पश्तून है। अमेरिकी दूत खलीलजाद के अफगानिस्तान आने के बाद हमलों में तेजी आई है, जबकि वह देश में शांति लाने के लिए समन्वय करना चाहते हैं। इस संबंध में उन्होंने शनिवार को राष्ट्रपति अशरफ गनी से मुलाकात भी की है।