नई दिल्ली। बालाकोट में भारत की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान भले ही लाख दलील दे कि वहां कोई भी आतंकी प्रशिक्षण केंद्र नहीं था लेकिन हकीकत कुछ और है। दरअसल, पुलवामा हमले के बाद भारत की कड़ी प्रतिक्रिया को देखते हुए पाकिस्तान को इस बात का अंदाजा हो गया था कि वह उनके आतंकी शिविरों पर निशाना बना सकता है। इसलिए इन शिविरों को सुरक्षित बनाने की भरसक कोशिश की गई थी।
बारुदी सुरंगे तक बिछाई गई थी कि कही सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाई भारत करे तो उसे असफल किया जा सके। भारत ने इस बार वायु सेना के जरिए कार्रवाई की और पाकिस्तान की तैयारियों पर पानी फेर दिया।
उच्च पदस्थ रणनीतिक सूत्रों का कहना है कि पुलवामा के बाद यह तय था कि इसकी साजिश रचने वालों को कड़ा संदेश दिया जाएगा। लेकिन भारत को यह सूचना मिल चुकी थी कि पाकिस्तान उड़ी हमले के अनुभव के बाद ज्यादा चौकन्ना है।
सूत्रों के अनुसार भारत को यहां तक सूचना थी कि पाकिस्तान ने अपनी सीमा के अंदर बारूदी सुरंगे बिछाई थी। इसके बावजूद वह आतंकी शिविरों को नहीं बचा सका।
गौरतलब है कि 14 फरवरी को हुए पुलवामा हमले के 12 दिन बाद 26 फरवरी को रात 3.30 बजे भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी। इसमें आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के ट्रेनिंग कैंप में छिपे 300 आतंकियों के मारे जाने का दावा किया गया था, लेकिन पाकिस्तान का कहना था कि उसे इस हमले से कोई नुकसान नहीं हुआ था। हालांकि पिछले एक महीने से पाकिस्तान ने इस जगह को घेर रखा है और इस स्थान के आसपास किसी को जाने की इजाजत नहीं है।