नई दिल्ली : पाकिस्तान लोकसभा चुनाव के दौरान घाटी में अस्थिरता फैलाने की कोशिश में जुटा है। खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में कहा गया है कि चुनाव के दौरान घाटी में हिंसा फैलाने और आतंकी गुटों को शह देने की कोशिश सीमा पार से जारी है। पाकिस्तान चाहता है कि कश्मीर में शांतिपूर्ण मतदान कराने के सुरक्षा एजेंसियों के प्लान में खलल डाला जाए और दहशत की वजह से लोग वोट देने के लिए बाहर न निकलें।
खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकी गुटों ने पाकिस्तान में मौजूद अपने आकाओं के निर्देश पर पूरा खाका तैयार किया है। घाटी के कई इलाकों को अशांति फैलाने के लिए चुना गया है। आतंकी संगठन लश्कर ए तैय्यबा, जैश ए मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन बड़ी आतंकी वारदात के लिए एक-दूसरे से हाथ मिलाकर रणनीति बनाने में जुटे हैं।
सूत्रों ने कहा कि हाफिज सईद और मसूद अजहर के गुर्गों के निशाने पर एक बार फिर पुलवामा व आसपास के इलाके हैं। सोपोर, बांदीपोरा, गांदरबल, अवंतीपोरा, पल्लीपोरा, त्राल आदि इलाकों को लक्ष्य बनाकर हमलों की साजिश रची गई है। सूत्रों का कहना है कि घाटी में सुरक्षा बलों के हथियार छीनने व सुरक्षा बल के जवानों को सीधा निशाना बनाने का प्रयास हो सकता है। चुनाव का पहला चरण 11 अप्रैल को है। चुनाव प्रचार जोरों पर है। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, आतंकी किसी भी सूरत में दहशत फैलाने के एजेंडे पर काम कर रहे हैं।
मीरवाइज के साथ हुर्रियत कांफ्रेंस के नेता अब्दुल गनी बट, बिलाल लोन और मौलाना अब्बास अंसारी भी पेश हुए। एनआईए अपनी जांच में आतंकवादी कृत्यों, सुरक्षा बलों पर पथराव, स्कूलों में आगजनी और सरकारी प्रतिष्ठानों को क्षतिग्रस्त करने वाली गतिविधियों के वित्त पोषण के पीछे खड़े पूरे तंत्र का पता लगाने का प्रयास कर रही है।