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कांग्रेस टिकट बांटने से पहले पूछ रही है जाती धर्म

rahul soniyaaभले ही हमारा देश धर्मनिरपेक्ष कहा जाता है लेकिन, भारत में जाती-धर्म के नाम पर वोट बटोरने की परंपरा तो वर्षों से चली आ रही है। जैसे कि कांग्रेस का नारा रहा है ‘जात पर न पात पर मुहर लगेगी हाथ पर’। लेकिन पार्टी उपाध्यिक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस में हो रहे बदलाव में अगर आप पार्टी का टिकट चाह रहे हैं तो आपको अपने चुनाव क्षेत्र की जातिगत गणित में आगे होना होगा।

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने जातिगत रैलियों पर भले ही प्रतिबन्ध लगाने की बात कही हो, लेकिन लगता है कांग्रेस को तो अपनी जीत के लिए जाति-धर्म पर ही भरोसा है। राजस्थान में कांग्रेस ने टिकट के दावेदारों से जाति और धर्म की जानकारी मांगी है। एआईसीसी की तरफ से इस बार टिकट चाहनेवालों को फॉर्म भरवाए जा रहे हैं, जिसमें उन्हें बताना है कि आपके इलाके में किस जाति और धर्म के कितने लोग रहते हैं और आपके सामने का उम्मीदवार किस जाति और धर्म का होगा। फॉर्म में पांच पन्ने की डिटेल में ये भी बताना है कि आप किस जाति और धर्म से सम्बन्ध रखते हैं।

राजस्थान में साल के आखिर में विधानसभा के चुनाव होने हैं ऐसे में टिकट के दावेदारों से कांग्रेस का जाति और धर्म पूछना विवाद को दावत देने जैसा ही है। लेकिन खास बात तो यह है कि चुनाव से पहले कांग्रेस न सिर्फ टिकट के इच्छुक दावेदारों से जाति और धर्म की जानकारी मांग रही है बल्कि इसके लिए कांग्रेस बाकायदा फॉर्म भी भरवा रही है।

इस चुनावी फार्म में कांग्रेस ने चंद सवाल भी रखे हैं जिनमें इच्छुक उम्मीदवारों से पूछा जा रहा है कि आपके धर्म के कितने वोटर आपके इलाके में हैं। आपके सामने किस जाति का उम्मीदवार चुनाव लड़ने वाला है और पिछली बार किस जाति को कितने वोट मिले थे। यह उस कांग्रेस पार्टी का नीति है जिसके नेता राहुल गांधी जगह-जगह जाति और धर्म के बन्धनों को तोड़कर धर्मनिरपेक्ष भारत का ढिंढोरा पिटते फिरते रहते हैं।

यहाँ सबसे बड़ी बात तो यह है कि इन जातिगत और धर्म के आधार पर एकत्र आंकड़ों को शपथ पत्र की रूप में देना है, और गलत भरे जाने पर अनुशासनात्मक सजा का भी प्रावधान है। ऐसे में जातिगत और धर्म के आधार पर आंकड़ों को लेकर उम्मादवारों के बीच जंग तेज हो गई है, और हो भी क्यों न अब तक जो चोरी छुपे हो रहा था अब खुलकर सबके सामने किया जा रहा है।

उम्मीदवारी के ये फॉर्म 17 अगस्त तक सभी बड़े-छोटे नेताओं को जिला कांग्रेस दफ्तर में जमा कराना है। इसमें विपक्षी पार्टियों के चुनावी इतिहास की भी जानकारी देनी है। बीजेपी इसे कांग्रेस का असली चेहरा बता रही है। बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस दरअसल जाति और धर्म की ही राजनीति करती है जो बेहद शर्मनाक है।