बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री पद के अगले दावेदार माने जाने वाले गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पार्टी नेताओं से कहा है कि वे आक्रामक तरीके से अपनी बात रखें। उन्होंने यह भी मंत्र दिया है कि वे कांग्रेस के झांसे में न आएं और न ही मीडिया को आने दें बल्कि वे मीडिया में कांग्रेस को बेनकाब करें। साथ ही यह भी कहा कई कि अनुशासन में रहते हुए आक्रामक बनें। पार्टी ने अपने ऊपर लगने वाले आरोपों से नहीं घबराने की नसीहत दी।
राज्य सभा में नेता अरुण जेटली ने भी गुजरात के स्वतंत्रता दिवस के बाद मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कांग्रेस के आरोपों से भाजपा प्रवक्ता जिस तरह निपट रहे हैं, उस पर असंतोष जताया। जेटली ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने मोदी के
खिलाफ अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया जिसका कड़ाई से लेकिन शालीनता के साथ जवाब दिया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को और आक्रामक ढंग से लिए जाने की जरूरत है।
दिन भर चली बैठक के बाद सूत्रों ने बताया कि मोदी ने कहा, लोकसभा चुनावों के लिए एजेंडा आप (बीजेपी) तय करें। कांग्रेस को ऐसा करने का मौका नहीं दें। मोदी ने कहा कि सोशल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया सहित मीडिया का बहुत विस्तार हुआ है। कांग्रेस इनका इस्तेमाल करके अपने पापों ( गलत कार्यों) को छिपाने और असल मुद्दों से भटकाने की कोशिश में है।
मोदी ने कहा, लेकिन कांग्रेस को ऐसा मौका दिए बिना उसके नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक, स्तर पर देश का जो बड़ा नुकसान किया है, उसका पुरजोर प्रचार किया जाना चाहिए।
मोदी ने अपने प्रवक्ताओं से कहा कि वे मेहनत के साथ तैयारी करके ही मीडिया में उतरें। बीजेपी की ओर पूरा देश आशा भरी निगाहों से देख रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के खिलाफ आक्रामक होकर प्रवक्ताओं को अपनी बात रखनी चाहिए। उन्होंने ने कहा कि अगर प्रवक्ताओं और टीवी बहस में शामिल होने वाले पार्टी जनों के पास किसी विषय की जानकारी नहीं है तो अधकचरी बहस करने की बजाय वे सीधे नमस्कार कह दें। बीजेपी को डिफेंसिव होने की जरूरत नहीं है। इसकी वजह यह है कि दस साल से कांग्रेस सत्ता में है। ऐसे में जवाबदेही उसकी बनती है।
कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए सुषमा ने कहा कि बीजेपी के नेताओं को कांग्रेस पर हल्ला बोलते समय अपने शब्दों पर बहुत ध्यान देना चाहिएए क्योंकि एक बार मुंह से निकला शब्द वापस नहीं आ सकता है।
वहीँ बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहाए हमारे पास सचाई है। मुद्दों की हमारे पास कोई कमी नहीं है। इसलिए कांग्रेस के निजी हमलों पर ध्यान देने के बजाय उसके शासनकाल की हर मोर्चे पर नाकामियों की जमकर पोल खोली चाहिए।
सूत्रों के अनुसार सुषमा ने कहा कि पार्टी के प्रवक्ताओं और पेनालिस्ट को एक स्वर में बोलने की जरूरत है। राजनीतिक प्रतिद्वन्द्वियों के आरोपों का जम कर प्रतिवाद करना चाहिए, लेकिन ऐसा करते हुए शालीनता और गरिमा का दामन कभी नहीं छोड़ना चाहिए। विपक्ष की नेता ने कहा कि कांग्रेस को अन्य मुद्दों के अलावा भ्रष्टाचार, अर्थवयवस्था की स्थिति और कुशासन के मुद्दों पर जम कर घेरने की जरुरत है।