कोलकाता : महानगर में मंगलवार को कोरोना संक्रमित होने के संदेह में महज 15 लोग भर्ती हुए थे परंतु, बुधवार को 97 लोग भर्ती हुए हैं। राहत की खबर यह है कि पिछले 24 घंटों में अस्पतालों में भर्ती 66 लोगों के नमूने की जांच की गई लेकिन उनमें कोरोना वायरस संक्रमण के प्रमाण नहीं मिले। इस समय राज्य के विभिन्न अस्पतालों में कोरोना संक्रमित होने के संदेह में 217 लोग भर्ती हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से बुधवार को जारी बयान में कहा गया है कि 3969 नए लोगों को होम क्वारंटाइन में भेजा गया हैं। इसी के साथ राज्य में अभी होम क्वारंटाइन में रखे गए लोगों की संख्या 22,921 हो गया है।
इस बीच बंगाल में दूसरा कोरोना स्पेशलिटी अस्पताल’ राजारहाट में चित्तरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान में फिलहाल तैयार किया जा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय अधीन इस निर्माणाधीन अस्पताल में फिलहाल विदेश से आए लोगों को क्वारंटाइन किया गया है। इसे एक पूर्ण अस्पताल में परिवर्तित करने का निर्णय लिया गया। ताकि जब रोगियों की संख्या में अचानक वृद्धि हो, तो उपचार की व्यवस्था संभव हो। इस अस्पताल में फिलहाल 50 डाक्टरों, नर्स व स्वास्थ्य कर्मियों को तैनात किया गया है। इस में 500 बेड की व्यवस्था की गई है। पूर्वी भारत व बंगाल में कोलकाता मेडिकल कॉलेज के बाद कोरोना उपचार का यह दूसरा अस्पताल होगा।
बेलेघाटा आइडी में नर्स व सफाई कर्मियों का विरोध प्रदर्शन
राज्य का कोरोना व अन्य वायरस संक्रमित रोगियों के उपचार का प्रमुख केंद्र बेलेघाटा आइडी अस्पताल की नर्स और सफाई कर्मियों ने बुधवार को काम बंद कर विरोध प्रदर्शन किया। वे लोग मास्क, सैनिटाइजर और विशेष पोशाक की मांग को लेकर अस्पताल के अधीक्षक व प्रिंसिपल के चेंबर के सामने धरने पर बैठ गए। इन लोगों का कहना है कि मास्क, सैनिटाइजर व विशेष पोशाक नहीं होने की वजह से उन लोगों की जान आफत में है। क्योंकि, इसी अस्पताल में राज्य के कोरोना संक्रमित सात रोगी का उपचार चल रहा है। उनलोगों की मांग को राज्य स्वास्थ्य विभाग को भेजा गया है। खबर है कि बाद में उनकी मांगों पूरा करने का भरोसा मिलने के बाद वे लोग काम पर लौट गए।