जहानाबाद। सिर पर बीमारी को लेकर मनोज कुमार परेशान होकर बैठा है। इसे हाइड्रोसेफालिज नामक रोग हो गया है। इसके शरीर में व्याप्त बॉनमैरो सिर पर चला गया है। इसके कारण मनोज कुमार का सिर सामान्य व्यक्तियों के सिर से बड़ा हो गया है। इसी तरह सहरसा जिले के सौर बाजार प्रखंड में तीन बच्चे हाइड्रोसेफालिज रोग से पीड़ित हैं। इनमें एक की मौत हो गयी है। अभी भी दो बच्चे हैं। जो चलने और फिरने में असमर्थ हैं।
हाइड्रोसेफालिज से मनोज कुमार परेशानः जहानाबाद जिले के जहानाबाद सदर प्रखंडान्तर्गत सेवनन ग्राम पंचायत के सेवनन गांव में अशोक कुमार वर्मा रहते हैं। इनके 3 बच्चे हैं। इन बच्चों में 2 लड़के और 1 लड़की हैं। इसमें मनोज कुमार को हाइड्रोसेफालिज हो गया है। फिर भी बड़ा सिर लेकर ही स्कूल में आ और जा सकने में समर्थ था। जब मनोज कुमार 6 क्लास में पढ़ रहा था। तो उसे लकवा मार दिया। दाहिने अलंग में लकवा मार दिया है। अभी 18 साल का हो गया है।
और उदारता दिखाए मुखिया नेः सेवनन ग्राम पंचायत की मुखिया के द्वारा निशक्ता सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना से लाभान्वित करा दिया गया है। अभी प्रत्येक माह 2 सौ रूपए मिलता है। मनोज कुमार के दादा बैठे थे। उनका कहना है कि उसका मां-बाप पेंशन की राशि हड़प लेते हैं। उस राशि से पौष्ट्रिक आहार नहीं खिलाते हैं। और तो और अभी कुल मिलाकर इलाज के नाम पर 500 रूपए से अधिक खर्च नहीं किए हैं।
हाइड्रोसेफालिज रोग को सूची में शामिल नहीं: बिहार सरकार के स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक प्रमुख की अध्यक्षता में रोगग्रस्त लोगों को मुख्यमंत्री सहायता योजना के तहत रोगी को घर में और घर के बाहर जाकर इलाज करवाने के लिए राशि दी जाती है। इसमें हाइड्रोसेफालिज रोग को सूची में शामिल नहीं किया गया है। इसके कारण हाइड्रोसेफालिज रोग से परेशान लोगों को सरकारी राशि से लाभ नहीं मिल पाता है।
सौर बाजार प्रखंड के तीन हाइड्रोसेफालिज रोगी में एक की मौतः सहरसा जिले के सौर बाजार प्रखंड के तीन हाइड्रोसेफालिज रोग से ग्रसित बच्चों का लिखित आवेदन जिले के सिविल सर्जन को दिया गया। इसके बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 4 केजी कार्यालय में जाकर आवेदन दिया गया। फिर तीन बच्चों की जिंदगी के सवाल को खड़ा कर बिहार मानवाधिकार आयोग में आवेदन दिया गया। सभी जगहों से द्वार बंद कर दिया गया। इसके कारण एक हाइड्रोसेफालिज नामक रोगी की अकाल मौत हो गयी।
वात्सल्य अस्पताल में हाइड्रोसेफालिज का इलाज हुआः सहरसा जिले के एक व्यक्ति ने हाइड्रोसेफालिज से परेशान अपनी बेटी को जनता के दरबार मुख्यमंत्री के पास ले जाना चाह रहे थे। मीडिया की नजर मासूम लड़की की सिर पर पड़ी। पत्रकार ने तत्क्षण आचार्य किशोर कुणाल से मोबाइल पर बातचीत किए। तब आचार्य किशोर कुणाल ने संज्ञान लेकर बच्ची को वात्सल्य अस्पताल में भर्त्ती करवा दिए। एल.सी.टी.घाट, पटना में स्थित वात्सल्य अस्पताल में बच्ची का ऑपरेशन हुआ। ठीक होने के बाद सहरसा लौट गयी। अब सवाल उठता है कि मनोज कुमार की सुधि कौन लेगा?
मनोज कुमार की जिंदगी लाठी के सहारेः इस समय मायुस होकर मनोज कुमार घर के सामने बैठा रहता है। लकवा मार देने के कारण लाठी के सहारे चल पाता है। लगभग पूरी जिंदगी मनोज कुमार को लाठी के सहारे ही जीना पड़ेगा। पैक्स के सहयोग से प्रगति ग्रामीण विकास समिति के कार्यकर्ता नागेन्द्र कुमार और अशोक कुमार ने सरकार से मांग की गयी है कि जहानाबाद और सहरसा जिले में रहने वाले हाइड्रोसेफालिज के रोगियों का इलाज करवाने की व्यवस्था की जाए। समय-समय पर सरकार ने मानवता के ख्याल करके विशेष कार्य करती रही है। अभी इन बच्चों को करने की जरूरत है।