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दिल्ली में बिजली और पानी बने रहेंगे राजनीति का मुद्दा

delhi jal boardनई दिल्ली। दिल्ली में राजनीति और पानी-बिजली से जुड़ी लोगों की समस्याएं साथ-साथ चलती है। ऐसा मानिए बिजली और पानी दिल्ली की जनता की दुखती रग है, यह यहाँ की ऐसी समस्या है जिसको जिस नेता ने हल करने की बात कह दी जनता मानो उसे ही अपना हितैसी मान बैठती है। फिर भला दिल्ली पर राजनीति करने वाले भी जानते है की यहाँ की जनता को कैसे अपने पाले में करना है। कुछ ऐसा ही BJP ने लोकसभा चुनाव में बिजली व पानी को चुनावी मुद्दा बनाया था। वहीं चुनाव के बाद भी इस मुद्दे को वह छोड़ना नहीं चाहती, क्योकि यह आम लोगों से जुड़ा हुआ मामला है।

BJP नेताओं का मानना है कि बिजली व पानी के मुद्दे पर ही दिल्ली में आम आदमी पार्टी की पूरी राजनीति टिकी हुई है। इसलिए चुनाव खत्म होने के बाद भी दिल्ली के लोगों को यह बताने की जरूरत है कि इस समस्या के लिए कांग्रेस व आप जिम्मेदार है। जिससे कि आप इन मुद्दों पर सियासी लाभ नहीं उठा सके।

इस रणनीति के तहत BJP ने इस मामले को उठाना भी शुरू कर दिया है। BJP के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. हर्षवर्धन का कहना है कि दिल्ली में अभी तापमान सामान्य है। इसके बावजूद बिजली कंपनियां मरम्मत के नाम पर अघोषित बिजली कटौती कर रही हैं। जबकि मरम्मत का कार्य लगभग दो माह पहले पूरा कर लिया जाना चाहिए था। इन दिनों दिल्ली विश्वविद्यालय में परीक्षा चल रही है, लेकिन कई इलाकों में बिजली की कटौती होने से विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

उन्होंने कहा कि अभी राजधानी में लगभग 3600 मेगावाट बिजली की मांग है जो कि मई व जून में बढ़कर 6200 मेगावाट तक पहुंच जाएगी। लेकिन बिजली कंपनियां इस मांग को पूरा करने की स्थिति में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में गर्मी में बिजली की तरह पानी की समस्या भी गहराने वाली है। उत्तम नगर, द्वारका, संगम विहार, किराड़ी, नांगलोई, बवाना, तुगलकाबाद, बदरपुर, सीलमपुर, करवालनगर आदि इलाके में अभी भी लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।

उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन टैंकर माफिया पर रोक लगाने में असमर्थ है। टैंकर माफिया महंगे दाम पर पानी बेच रहे हैं। जिससे गरीबों की परेशानी बढ़ गई है। उन्होंने उपराज्यपाल से समस्या के समाधान के लिए बिजली आपूर्ति करने वाली कंपनियों तथा दिल्ली जल बोर्ड को जरूरी निर्देश जारी करने की मांग की है। इन सबके बीच अब देखना यह है की कोण सी सरकार दिल्ली और दिल्ली की जनता की पानी और बिजली की संद्य को सच में दूर कर पायेगी।