रांची: झारखंड की राजधानी रांची में शुक्रवार (10 जून) को नमाज के बाद हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने अब तक 29 लोगों को गिरफ्तार किया है. पैगंबर मुहम्मद पर निलंबित बीजेपी नेता नूपुर शर्मा की टिप्पणियों पर विरोध प्रदर्शन के दौरान रांची में हिंसा भड़क गई थी.
प्रदर्शनकारियों ने आगजनी और पथराव किया, जिसमें स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मौजूद पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए. प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में आग लगा दी और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया. हिंसा में दो लोगों की जान चली गई थी.
Whatsapp ग्रुप का एडमिन गिरफ्तार
न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पुलिस जांच से पता चला है कि शुक्रवार को भीड़ इकट्ठा करने के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप ‘वासेपुर गैंग’ का इस्तेमाल किया गया था. पुलिस ने अब इस ग्रुप के एडमिन को गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, ग्रुप में सलीम चिश्ती नाम का शख्स भड़काऊ और उसकाने वाला मैसेज वायरल कर रहा था. वहीं, हिंसा में शामिल रांची के हिंदपीढ़ी इलाके के रहने वाले कई आरोपी फरार हो गए. रांची पुलिस उन्हें पकड़ने के लिए लगातार छापेमारी कर रही है.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पुलिस को कुछ ऐसे वीडियो भी मिलें है जिसमें दंगाई पत्थरबाज स्कूटी पर ईंट और पत्थर लाते दिख रहे हैं. एक वीडियो सामने आया है जिसमें, एक दंगाई लाल शर्ट पहना हुआ है. चेहरे पर सफेद रंग का कपड़ा बांधकर वह रांची मेन बाज़ार के हनुमान मंदिर के पास आता है और ताबड़तोड़ 8 राउंड गोली चलाता है. पुलिस को इस गोलीबाज आरोपी की तालाश है. इसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है.
राज्य सरकार ने हिंसा की जांच के लिए एसआईटी (विशेष जांच दल) का गठन किया है. 11 जून को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घटना की जांच के लिए सचिव अमिताभ कौशल और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक संजय लातकर को मिलाकर दो सदस्यीय उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की. समिति एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी. पुलिस ने पहले मामले में वांछित लोगों के लिए एक पोस्टर जारी किया था. हालांकि, पुलिस की ओर से मंगलवार को कहा गया कि पोस्टर को कुछ सुधार के लिए हटा दिया गया.