उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए अपने अधिकारियों से शिक्षा , प्रवर्तन , इंजीनियरिंग , इमरजेंसी देखभाल और पर्यावरण के ‘5E’ फॉर्मूले का पालन करने को कहा है.
मौत के आंकड़े पर जताई चिंता
सीएम योगी ने इसी दौरान इस तथ्य को भी चिंताजनक करार दिया है कि जहां कोरोना महामारी की वजह से उत्तर प्रदेश (UttarPradesh) में पिछले तीन सालों में 23600 लोगों की जान गई. वहीं पिछले साल 2022 में यूपी में हुए सड़क हादसों में 21200 लोगों ने दम तोड़ दिया.
यूपी सरकार चलाएगी अभियान
इसी सबको देखते हुए राज्य सरकार 5 जनवरी से 4 फरवरी तक सड़क सुरक्षा पर एक महीने का अभियान चलाएगी. योगी ने कहा कि, सड़क सुरक्षा की जिम्मेदारी सिर्फ एक विभाग तक सीमित नहीं है और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सामुदायिक प्रयास की जरूरत है.
‘5ई’ फॉर्मूले की मांग
यूपी के सीएम योगी ने अपने संबोधन में ये भी कहा, ‘खराब सड़क इंजीनियरिंग के अलावा, ओवर स्पीडिंग, ओवरलोडिंग, सुरक्षा उपकरणों का उपयोग न करना और शराब पीकर गाड़ी चलाना प्रमुख कारण हैं.
बड़े शहरों में ज्यादा हादसे
ज्यादातर मामले कानपुर, आगरा, प्रयागराज, अलीगढ़, बुलंदशहर और मथुरा जैसे बड़े शहरों में होते हैं. उन्होंने कहा कि, इन शहरों से जुड़े राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर ध्यान देने के प्रयास किए जाने चाहिए. इसी के साथ ओवरलोडिंग रोकने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया जाए.