दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के एक और मंत्री पर जांच का शिकंजा कस गया है. दिल्ली के उपराज्यपाल ने रिश्वत मामले में जेल में बंद दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण (POC ) अधिनियम के तहत जांच को मंजूरी दे दी है.
एंटी-करप्शन ब्यूरो ने सत्येन्द्र जैन के खिलाफ जांच की मंजूरी चाही थी. इसके लिए पीओसी अधिनियम, 1998 की धारा 17 ए के तहत मामले को केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजने के डीओवी के प्रस्ताव पर आज उपराज्यपाल ने सहमति जता दी है.
जानिये, क्या है पूरा मामला…
रिश्वत खोरी का यह मामाला तब का है जब सत्येन्द्र जैन आम आदमी सरकार में PWD मंत्री थे और परियोजना के नोडल प्राधिकारी थे. उस समय दिल्ली में 1.4 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने थे. इसे लगाने में देरी के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड (BEL) पर जुर्माना बनता था लेकिन कंपनी पर लगने वाले 16 करोड़ रुपये के जुर्माने को माफ करने के लिए सत्येन्द्र जैन ने कथित तौर पर रिश्वत ली थी ऐसा आरोप है. सितंबर 2019 में बीईएल के एक कर्मचारी ने सत्येंद्र जैन पर रिश्वत लेने के आरोप लगाए थे.
रिकॉर्ड के अनुसार, शिकायत के अलावा, भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB ), जीएनसीटीडी ने गुप्त स्रोतों से भी जानकारी प्राप्त की, जिससे शिकायतकर्ता के मामले की पुष्टि हुई. इसके अलावा, मंत्री (पीडब्ल्यूडी) को रिश्वत के पैसे की व्यवस्था करने के लिए कीमतें बढ़ाने के लिए विक्रेताओं को बार-बार आदेश दिए गए थे. जैन को रिश्वत की रकम कथित तौर पर बीईएल के विक्रेताओं के माध्यम से दी गई थी.