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केजरीवाल ने भरा बेल बॉन्ड, कोर्ट दिए जेल से रिहा करने के आदेश

akनई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल से बाहर आ गए हैं।  अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी नेता नितिन गडकरी की ओर से दाखिल मानहानि के मामले में अपना रुख बदलते हुए आज जमानती मुचलका जमा कर दिया, जिसके बाद दिल्ली की एक अदालत ने उन्हें तिहाड़ जेल से रिहा करने का आदेश दे दिया।

केजरीवाल ने दिल्ली हाई कोर्ट का यह सुझाव मान लिया कि वो जमानत के लिए पर्सनल बॉन्डक भर दें। अदालत के सुझाव पर चर्चा के लिए शांति भूषण और प्रशांत भूषण केजरीवाल से मिलने तिहाड़ जेल गए। इसके बाद इन्होंलने कोर्ट को जानकारी दी कि केजरीवाल ने जमानत के लिए कोर्ट का सुझाव मान लिया है और 10,000 रुपये के एक मुचलके पर अपने दस्तखत कर दिए हैं।

इसके बाद न्यायमूर्ति कैलाश गंभीर और न्यायमूर्ति सुनीता गुप्ता की पीठ ने केजरीवाल के वकीलों से कहा कि वे संबंधित मजिस्ट्रेट या ड्यूटी मजिस्ट्रेट के समक्ष आज ही मुचलका पेश करें और ‘आप’ नेता द्वारा उठाए गए कानूनी मुद्दों के अंतिम नतीजों पर मुचलका भरना निर्भर करेगा।

अदालत ने कहा कि विशेष संदेशवाहक के जरिए रिहाई का आदेश तिहाड़ जेल भेज दिया जाएगा। केजरीवाल के वकील ने मजिस्ट्रेट को दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री की लिखित सहमति दिखाई जिसमें उन्होंने निजी मुचलका जमा करने के उच्च न्यायालय के सुझाव को स्वीकार कर लिया। वरिष्ठ वकील शांति भूषण और प्रशांत भूषण उच्च न्यायालय से अनुमति लेकर केजरीवाल से मुलाकात करने तिहाड़ जेल गये थे और तब उन्होंने अपने हाथ से लिखा पत्र दिया।

इससे पहले आज हाईकोर्ट ने केजरीवाल को सुझाव दिया था कि जमानती मुचलका जमा करें और जेल से रिहा हो सकते हैं। केजरीवाल को मजिस्ट्रेट ने 21 मई को दो दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था। 23 मई को उनकी हिरासत 14 दिन के लिए 6 जून तक बढ़ा दी गई। केजरीवाल ने गडकरी के मानहानि के मामले में जमानत के लिए मुचलका भरने से इनकार कर दिया था।

मजिस्ट्रेट ने जमानती बांड नहीं भरने पर केजरीवाल की न्यायिक हिरासत के 21 मई के आदेश पर पुनर्विचार करने से इनकार कर दिया था। अदालत ने उनसे इस फैसले को चुनौती देने के लिए हाईकोर्ट जाने को कहा था। आप नेता को उस मामले में अदालत ने आरोपी के तौर पर तलब किया था, जिसमें गडकरी ने आरोप लगाया था कि केजरीवाल ने अपनी पार्टी की ओर से जारी भारत के कथित भ्रष्ट लोगों की सूची में उनका नाम शामिल करके उनकी मानहानि की।

आप नेता ने कहा कि मामला राजनीति से प्रेरित है और वह यह हलफनामा देने के लिए तैयार हैं कि वह जरूरत पड़ने पर अदालत में पेश होंगे। अदालत ने 28 फरवरी को मामले में आरोपी के तौर पर केजरीवाल को तलब किया था। अदालत ने कहा था कि आप नेता के कथित बयान का असर शिकायती की साख पर पड़ सकता है।

गौरतलब है कि अदालत ने 21 मई को केजरीवाल को जमानत देने की बात स्वीकार करते हुए कहा था कि आईपीसी की धारा 500 के तहत कथित अपराध जमानती है और उन्हें निजी मुचलका भरना चाहिए। हालांकि केजरीवाल ने सिद्धांतों का हवाला देते हुए मुचलका जमा करने से मना कर दिया था और उन्हें हिरासत में भेज दिया गया।