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कराची एयरपोर्ट पर हमला, 29 लोगों की मौत टीटीपी ने ली जिम्मेदारी

pkiइस्लामाबाद:  लगभग 5 घंटे तक चले सैन्य अभियान के बाद पाकिस्तानी सेना ने कराची स्थित जिन्ना इंटरनेशनल एयरपोर्ट को अपने कब्जे में ले लिया है। पाकिस्तान के पारामिलिट्री रेंजर्स के चीफ रिजवान अख्तर ने बताया कि हमला करने वाले 10 संदिग्ध आतंकियों को मार गिराया गया है। अभी सुरक्षा एजेंसियां एयरपोर्ट की कॉम्बिंग कर रही है। इसे आज शाम तक स्थानीय प्रशासन को सौंप दिया जाएगा।  उन्होंने यह भी बताया कि जिन आतंकियों ने हमला किया वह उजबेकिस्तान के हो सकते हैं।

गौरतलब है कि जिन्ना इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर रविवार रात हथियारों से लैस आतंकवादियों ने हमला कर दिया था। मुंबई में हुए 26/11 हमलों की तर्ज पर किए गए इस अटैक में 10 आतंकियों और पाकिस्तान के 13 जवानों की मौत हो गई। जबकि 29 लोग घायल हो गये हैं।

सोमवार सुबह 8.15 बजे के आसपास एकबार फिर गोलीबारी की आवाज सुनी गई, जिसके बाद सुरक्षा अधिकारियों ने तलाशी अभियान शुरू कर दिया था। इससे पूर्व हमले की समाप्ति की सुरक्षा बलों की घोषणा के बाद भी सुबह तक गोलियों की आवाज सुनाई दे रही थी। इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशन्स (आईएसपीआर) के प्रवक्ता ने बताया, सभी 10 आतंकवादियों को मार गिराया गया। हवाईअड्डा सुरक्षित है और आतंकवादी किसी भी विमान या प्रतिष्ठानों को नुकसान नहीं पहुंचा पाए।

देर रात हवाईअड्डा सुरक्षा बल (एएसएफ) के कर्मियों की वर्दी पहन कर आए आतंकवादियों ने हवाईअड्डे के पुराने टर्मिनल की इमारत पर हमला किया। आतंकवादियों को घेर लिया गया और मार गिराया गया। प्रवक्ता के अनुसार, आतंकवादियों की पहचान की जा रही है। उनके पास से अत्याधुनिक मशीनगन और रॉकेट लॉन्चर बरामद किए गए हैं।

जिन्ना अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा पुराने हवाईअड्डा टर्मिनल के पास है। आतंकवादी हमले के बाद हवाईपट्टी से निकलता धुआं और आग साफ देखी जा सकती थी। इसी जगह पर इंजीनियरिंग कार्यशालाओं में आतंकवादी छिपे थे। पूरे घटनाक्रम के चलते करीब छह घंटे तक जिन्ना हवाईअड्डा बंद रहा और सभी उड़ानों का मार्ग बदलना पड़ा।

हमले के दौरान विस्फोटों की तेज आवाज भी सुनाई दी। प्रवक्ता ने पुष्टि की कि न तो किसी विमान को नुकसान पहुंचा और न ही अभियान के दौरान किसी महत्वपूर्ण संपत्ति या प्रतिष्ठान को क्षति पहुंची।

कुछ दिन पहले ही तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान :टीटीपी: के साथ शांति वार्ता टूटी है और टीटीपी ने वह संघषर्विराम वापस ले लिया जिसका उसने पहले ऐलान किया था। इसके बाद से खुद टीटीपी को भी अलगाव का सामना करना पड़ा है। शक्तिशाली मेहसूद गुट ने मौलाना फजलुल्ला की अगुवाई वाले आतंकवादी संगठन से अलग होने की घोषणा कर दी। मेहसूद गुट के कमांडरों ने सरकार, सुरक्षा कर्मियों और प्रतिष्ठानों पर फिर से हमले करने की धमकी दी थी।