pinjore garden

चडीगढ़ की शान पिंजौर गार्डन

pinjore gardenगार्डनस् तो अपने बहुत देखे होंगे लेकिन पिंजौर गार्डन की तो बात ही कुछ अलग है। कहते हैं जो एक बार यहाँ आ गया वो समझो बस इस गार्डन का दीवाना होकर रह जाता है। चंडीगढ़-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग पर पंचकूला से लगभग पंद्रह किलोमीटर दूर उत्तर – पूर्व निचली शिवालिक पर्वत श्रृंखला की तलहटी में बसे खूबसूरत और विश्व प्रसिद्ध पिंजौर गार्डन की बात ही निराली है। पिंजौर गार्डन क्षेत्र में लगभग डेढ़ करोड़ वर्ष पहले के मानव की उपस्थिति मानी गई है।

इसी पिंजौर में यह बाग, जिसे यादवेन्द्र गार्डन भी कहते हैं, की बाहरी दीवारें पुराने किले की सी  लगती है। चार मुख्य द्वारों में से एक के माएयम से प्रवेश पाने के बाद दृश्य बदल जाता है। हरियाली की गोद में बसा सुंदर सा हरित स्वप्न। ऊंचाई से गिरताए, फिर इठलाकर बहता पानी और साथ में फववारों के रूप में नृत्य करता जल। पड़ोस में हरी मखमली घास पर बिखरी बूंदों पर मोतियों सी दमकाती धूप, क्यारियों में खुशबू बिखेरते दर्जनों किस्म के रंग – बिरंगे फूल और फुदकती-नाचती तितलियां, बाग के पहले तल पर बनाया शीश महल राजस्थानी – मुगल वास्तु शैली का उत्कृष्ट नमूना है।

 

दूसरे टैरेस पर बने रंगमहल में खड़े होकर सामने फेले पूरे बाग को आंखों से आम्मसात किया जा सकता है। तीसरे तल पर चुनचुन कर लगाए पौधे व बॉटल पाम और अन्य वृक्ष तन-मन को और सौम्य बना देते हैं। बहते जल के साथ सुकून देता संगीत भी प्रवाहित हो रहा होता है। सात तलों में बना यह बाग वास्तुकला का गजब नमूना है। बाग का आरंभ ऊंचे तल से होता है फिर उससे नीचे तल, फिर उससे नीचे पहुँचे हैं। बाग के आखिर में ओपन एअर थियेटर बनाया गया है जहाँ होने वाले सांस्कृतिक कार्यøम शाम को और मनोरंजन व यादगार बना देते हैं। ज्यों -ज्यों रात जवां होने लगती है त्यों – त्यों तो रोशनियों में नहा उठा यह बाग अलगग ही छटा बिखेर देता है। आंखों को सुख पहँुचाते बहते पानी में खिल उठा सतरंगी प्रकाश यहां उत्सव सा माहौल की रचना कर देता है। यादविंद्र गार्डन्सए हरियाणा टूरिज्म को 1966 में मिली अनेक पुरानी चीजों व स्थलों में शामिल है। लगभग 50 एकड जमीन पर बिछे खूबसूरत स्थल से जुड़ी दिलचस्प बात यह है कि इस संगीतमय बाग की नींव संगीत से नफरत करने वाले सम्राट औरंगजेब के माध्यम से पड़ी। सत्रहवीं शताब्दी के उतराद्र्ध में लाहौर पर औरंगजेब ने बिजय हासिल की। फतह का प्रतीक स्मारक बनाकर सेनापति व पंजाब के सूबेदारए रिश्ते में बादशाह के दूर के भाई नवाब फिदाई खां जब दिल्ली वापस लौटे तो औरंगजेब ने उपहार स्वरूप शिवालिक पहाडि़यों में बसा जंगलनुता गांव पंचपुरा उनके नाम कर दिया। फिदाई खां वास्तुकार होने के साथ – साथ दार्शनिक भी थे सो जंगल में बाहर आने लगी। उन्होंने जगल को मनमोहन मनोरम स्थल में बदल दिया। कुछ बरस वहां रहे। बादशाह औरंगजेब की बेगमें भी यहां आकर रहती। तत्कालीन रियासत सिरमौन के महाराज से फिदाई के टकराव के चलते 1675 ई. में यह क्षेत्र रियासत सिार्मार के कब्जे में पहुंच गया। इस दौरान बरसों तक यह जगह उजड़ी रही और यूँ वास्तुकार प्रकृति प्रेमी फिदाई का ख्वाब पतझड़ हो गया। हाँ, वह पंचपुरा से पिंजौर जरूर हो गया।

महाराज पदियाला ने मौका मिलते ही यह क्षेत्र सिरमौर से अपने नियंत्रण में ले लिया। उनकी शौकीन मिजाजी के कारण जगह फिर हरीभरी, सजने – संवरने लगी। हरियाणा को 1966 में अलग राज्य की हैसियत मिली और पर्यटन विभाग ने इसे प्र्यटकीय नजरिये से तैयार किया। फरवरी 1967 से आम जनता इस जगह की लाजवाब खूबसूरती के कारण पर्यटकीय की यहाँ आवाजाही शुरू हो गयी। उद्यान का जीर्णोद्धार करवाने वाले महाराजा पटियाला यादविन्द्र सिंह की स्मृति में उद्यान का नाम यादवेन्द्र गार्डन रखा गया। कहते हैं कि पांडवों ने अपने अज्ञातवास का कुछ समय इस क्षेत्र में बिताया था और अपने दुश्मनों कीए पानी में विष मिला देने की आशंका को निर्मूल करने के लिए प्रतिदिन एक बावड़ी खोद कर जल प्रबंध किया था। तभी पिंजौर को 360 बावडि़यों वाला भी कहते हैं। गार्डन में प्रवेश का टिकट है, बैसाखी पर यहां महामेल लगता है। बाग के टैरेस के साथ दोनों तरफ आम के बगीचे लगे हैं। संभवतया तभी यहां हर बरस जून-जुलाई के महीने में मैंगो फैस्टिवल का जायकेदार आयोजन होता है जिसमें उत्तर भारत में उगाए जा रहे कितने ही किस्म के आम पेश किए जाते हैं मजेदार यह है कि पिंजौर गार्डन में ही – गूदा आम होता है जिसके एक फल का वनज दो किलो तक भी हो सकता है। यहां आम की अन्य किस्मों के अलावा केले, चीकू, आडू, अमरूद, नाशपाती, लोकाट, बीच-रहित जामुन, हरा-बादाम व कटहल के काफी पेड़ हैं। किसी भी मौसम में जाएं, कोई न कोई फल उपलब्ध रहता है। यहां मुगल गार्डन, जापानी बाग, प्लांट नर्सरी के साथ-साथ मोटेल गोल्डन ओरिएंट रेस्तरां, शोपिंग आर्केड, मिनी चिडि़याघर, ऊंट की सवारी व्यू गैलरी, कांफ्रेंस रूम व बैंकिंग सुविधा भी उपलब्ध है।