भारत के बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी और पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई समेत 11 हस्तियों को आज इस साल के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम और नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में आज नोबेल विजेताओं को नोबेल पदक, नोबेल डिप्लोमा और उनकी पुरस्कार राशि की पुष्टि करने वाले पत्र दिए जाएंगे।
सत्यार्थी (60) और यूसुफजई (17) को ओस्लो में सम्मानित किया जाएगा और दोनों नोबेल शांति पुरस्कार की 11 लाख डॉलर की पुरस्कार राशि साझा करेंगे। दूसरे क्षेत्रों के नोबेल पुरस्कार विजेताओं को स्टॉकहोम में सम्मानित किया जाएगा।
गौरतलब है कि नोबेल शांति पुरस्कारर की घोषणा करीब दो महीने पहले हो गई थी, लेकिन अब बारी है इन्हें साझे तौर पर नवाजे जाने की। यकीनन बुधवार को जब कैलाश सत्यापर्थी और मलाला यूसुफजई को यह सम्मातन मिलेगा, तब नोबेल पुरस्काजरों के इतिहास में एक नया अध्यासय भी जुड़ जाएगा।
बचपन बचाओ आंदोलन के अगुवा कैलाश सत्यार्थी भारत में जन्मे पहले शख्स होंगे, जिन्हें शांति का नोबल पुरस्कार मिला है। वहीं, तालिबानी हमले के बाद से सुर्खियों में रही मलाला पाकिस्तान से शांति का नोबेल पाने वाली पहली शख्सियत होंगी। यही नहीं, उनका नाम सबसे कम उम्र की नोबेल विजेता के रूप में भी दर्ज होगा।
नोबेल पुरस्कार के ऐलान के बाद मलाला ने ख्वाहिश जाहिर की थी कि पुरस्कार के वक्त भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मौजूद रहें। यकीनन इसके पीछे दोनों देशों के बीच अमन का नया रास्ता खोजने की चाहत होगी, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया।
उत्साहित सत्यार्थी ने बताया है कि ‘मैं यह पुरस्कार भारत के बच्चों को समर्पित करना चाहता हूँ। यह पुरस्कार उनके लिए है। यह पुरस्कार भारत के लोगों के लिए है।’ उन्होंने फास्ट ट्रैक आधार पर बाल अधिकारों के मुद्दे देखने के लिए न्यायपालिका की सराहना की है।