केंद्र सरकार अगले तीन सालों में देश के 2500 शहरों और कस्बों में मुफ्त हाईस्पीड वाई-फाई की सुविधा मुहैया कराएगी। हालांकि मुफ्त सेवा का लाभ तय समय के लिए मिलेगा और इसके बाद यूजर को इंटरनेट यूज करने पर चार्ज देना होगा। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) द्वारा लागू की जाने वाली इस योजना में सात हजार करोड़ रुपये निवेश किए जाएंगे। यह मॉडल प्राइवेट ऑपरेटर्स द्वारा एयरपोर्ट और अन्य जगहों पर दिए जाने वाली सुविधा की तरह ही काम करेगा।
BSNL के मैनेजिंग डायरेक्टर अनुपम श्रीवास्तव ने कहा कि यह सेवा अगले वित्तीय वर्ष (2015-2016) से शुरू होगी। इस सुविधा के माध्यम से पीएम के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को बढ़ावा मिलेगा। जिसका उद्देश्य पूरे देश में इंटरनेट सुविधा से लोगों को जोड़ना है। साथ ही इस कदम से लंबे समय से घाटे में चल रही BSNL को मदद मिलने की भी संभावना है। यहाँ BSNL और MTNL के यूजर्स के लिए फ्री सेवा की सीमा खत्म होने के बाद वाई-फाई की सुविधा के लिए बहुत मामूली चार्ज देना होगा।
हाल ही में BSNL के सीएमडी का पद संभालने वाले श्रीवास्तव ने बताया कि देश के ज्यादातर टॉप शहरों को वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, जिसका उद्देश्य फास्ट स्पीड इंटरनेट की सुविधा देना है। उन्होंने कहा कि जिन शहरों में यह सुविधा दी जाएगी उनमें कोलकाता, चेन्नई, लखनऊ, देहरादून, हैदराबाद, वाराणसी, भोपाल, जयपुर, पटना, इंदौर, चंडीगढ़ और लुधियाना शामिल हैं।
मुफ्त वाई-फाई सेवा स्पीड 4 जी लेवल की होगी जिसे कंपनी अपने विशाल ऑप्टिक फाइबर और केबल नेटवर्क पर विकसित करेगी। इस योजना को संचालित करने के लिए तकरीबन 50 से 60 हजार वाई-फाई हॉटस्पॉट्स लगाए जाएंगे। BSNL को उम्मीद है कि वाई-फाई के टैरिफ प्लान के माध्यम से मोबाइल सब्सक्राइबर जुटाने में आसानी होगी।
अनुपम श्रीवास्तव ने यह भी बताया कि BSNL के राजस्व के लिए डाटा महत्वपूर्ण है। BSNL को इसके मोबाइल बिजनेस से मिलने वाले अनुमानित 13500 करोड़ रुपये के राजस्व में से करीब 1500 करोड़ रुपये डाटा बिजनेस से मिलने का अनुमान है। वहीं लैंड लाइनों से करीब 14 हजार करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है जिनमें से आधा राजस्व ब्रॉडबैंड और डेटा सेवाओं से आएगा।