सऊदी अरब जहाँ पर पुरुषों और महिलाओं में भेद भाव को लेकर स्थिति बहुत ख़राब है आज इसी रुढ़िवादी देश के अरब की शूरा काउंसिल में 30 सीटों पर महिलाएं ने अपना परचम लहराया है। लेकिन इसी बीच एक ऐसी बात सामने आई है जो वर्तमान स्थिति को सुधारने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है।
इन महिलाओं ने रियाध में किंग अब्दुल्ला के महल में शपथ किया है। वहीँ के एक टेलीविजन से मिली सूचना के मुताबिक़ इन महिलाओं ने 130 पुरूषों के साथ ही सत्ता ग्रहण किया और साथ ही शपथ भी लिया।
इसी के साथ किंग अब्दुल्ला ने महिलाओं के अधिकारों में सुधार को बढ़ावा देने का हवाला भी दिया।
किंग अब्दुल्ला ने जिन महिलाओं को इस पद पर नियुक्ति किया है उनमें यूनिवर्सिटी ग्रेजुएट और ह्यूमन राइट की कार्यकर्ता भी शामिल हैं। जहाँ महिलाओं को पुरुषों के मनमुताबिक और उनके अधीन रहकर अपनी जिंदगी गुजारनी होती है, वहीँ किंग ने जो फैसला महिलाओं के लिए लिया है यह सऊदी अरब के उस कानून के बिल्कुल खिलाफ़ है जो महिलाओं पर बहुत पाबंदियां लगाता है। किंग अब्दुल्ला लगातार एक अच्छे परिवर्तन का प्रयास कर रहे हैं और अब महिलाओं के अधिकारों में सुधर के साथ ही महिलाओं को भी 2015 के स्थानीय चुनाव में अपनी मर्जी से वोट डालने की आजादी है।