नई दिल्ली : भोपाल गैस त्रासदी की 33वीं बरसी पर लोगों ने राजभवन के सामने कफन ओढ़कर विरोध प्रदर्शन किया। लोग यहां एक प्रोग्राम ‘रन भोपाल रन’ के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे।
वैसे तो त्रासदी की शुरुआत 2 दिसंबर 1984 को ही हो गई थी लेकिन अगले दिन यानि 3 दिसंबर को इसने भयावह रूप ले लिया था। लोगों ने आज यानि 33वीं बरसी के अवसर पर कफन ओढ़कर प्रदर्शन किया।
जानिए, क्या थी पूरी घटना
वर्ष 1984 में भोपाल में हुए इस गैस त्रासदी को पूरी दुनिया के औधोगिक इतिहास की सबसे बड़ी दुर्घटना के तौर पर देखा जाता है। 2-3 दिसंबर 1984 की आधी रात को भोपाल स्थित कार्बाइड नामक कंपनी के कारखाने से एक ज़हरीली गैस का रिसाव हुआ।
इस त्रासदी में लगभग 15000 से अधिक लोगों की जान गई और बहुत सारे लोग अनेक तरह की शारीरिक अपंगता से लेकर अंधेपन के भी शिकार हो गए थे।
मध्यप्रदेश की तत्कालीन सरकार ने 3,787 की गैस से मरने वालों के रूप में पुष्टि की थी। अन्य अनुमान बताते हैं कि 8000 लोगों की मौत तो दो सप्ताहों के अंदर हो गई थी और लगभग अन्य 8000 लोग तो रिसी हुई गैस से फैली संबंधित बीमारियों से मारे गये थे।
रविवार यानि आज 3 दिसंबर 2017 को सुबह कुछ लोगों ने कफन ओढ़कर राजभवन के सामने प्रदर्शन किया। आज पूरे दिन राजधानी के विभिन्न हिस्सों में लोग अपना दर्द साझा करेंगे।
मृतकों की आत्मा की शांति के लिए बरकतउल्ला भवन में सर्वधर्म प्रार्थना सभा होगी। राजधानी में रविवार सुबह से अजीब सी खामोशी छाई हुई है। लोगों को 33 वर्ष पूर्व हुई हादसे की याद ताजा हो गई है, जिसमें हजारों लोगों की मौत हो गई थी और यह दौर अब भी जारी है।
प्रार्थना में CM शिवराज सिंह चौहान भी होंगे शामिल
हादसे की 33वीं बरसी पर रविवार सुबह साढ़े 10 बजे बरकतउल्ला भवन में सर्वधर्म प्रार्थना सभा होगी। इस प्रार्थना सभा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित अन्य लोग शामिल होंगे। सभा में दिवंगत गैस पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। इस मौके पर धर्मगुरुओं द्वारा विभिन्न धर्मग्रंथों का पाठ किया जाएगा।
भोपाल ग्रुप फॉर इंफार्मेशन एंड एक्शन के द्वारा भारत टॉकीज से साढ़े 11 बजे यूनियन कार्बाइड संयंत्र तक रैली निकाली जाएगी। संयंत्र के सामने प्रदर्शन कर पुतलों का दहन करेंगे।