नई दिल्ली : आश्रम में नाबालिग से दुष्कर्म मामले में आसाराम सहित 3 लोगों को दोषी करार दिया गया है। जबकि 2 आरोपियों को बरी कर दिया गया। जस्टिस मधुसूदन शर्मा ने जोधपुर जेल में अपना यह फैसला सुनाया। कोर्ट में दोषियों की सजा पर बहस पूरी हो चुकी है। थोड़ी देर में सजा का ऐलान किया जाएगा। बहस के दौरान वकीलों ने आसाराम की अधिक उम्र का हवाला देने हुए उनके लिए कम सजा मांग की है।
बताया जा रहा है कि सजा मिलते ही आसाराम रो पड़े। उन्होंने बुढ़ापे का हवाला देते हुए रहम की भीख मांगी। कहा- जज साब बूढ़ा हो गया हूं, रहम करो।
जोधपुर जेल में जज मधुसूदन शर्मा ने जब फैसला सुनाते हुए आसाराम को दोषी करार दिया तो आसाराम का चेहरा उतर गया। इसके बाद वह कुछ देर तक तो शांत रहा और फिर राम नाम जपने लगा।
फैसला सुनकर आसाराम पहले तो रोये, लेकिन बाद में वह अचानक हंसने लगे। इसके बाद उसने जज से रहम की गुहार भी लगाई। फिर आसाराम ने वकीलों के कंधे पर हाथ रखकर कहा- कुछ तो बोलो।
बता दें कि साढ़े चार साल से जोधपुर जेल में बंद आसाराम के खिलाफ अपनी ही शिष्या से दुष्कर्म करने का आरोप था। पॉक्सो एक्ट के तहत ये पहला बड़ा फैसला है। केस के फैक्ट से लगता है कि आसाराम को कम से कम 10 साल की सजा हो सकती है, प्रावधान उम्रकैद तक का है।
जोधपुर की कोर्ट ने सुरक्षा कारणों से सेंट्रल जेल परिसर में ही फैसला सुनाने का निर्णय किया था। कोर्ट ने आसाराम के अलावा सह आरोपी शरतचंद्र और शिल्पी को भी दोषी करार दिया है।
वहीं फैसले को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राजस्थान, गुजरात और हरियाणा को हिदायत दी है कि किसी भी सूरत में हिंसा नहीं होनी चाहिए। इन राज्यों में आसाराम के अनुयायी काफी संख्या में हैं।