नई दिल्ली : कर्नाटक में 222 विधानसभा सीटों पर मतदान खत्म हो गया है। चुनाव आयोग के मुताबिक शाम 6 बजे तक राज्य में 70 फीसदी वोटिंग हुई। मतदान खत्म होने के साथ ही तमाम एग्जिट पोल के नतीजे सामने आ गए हैं। ज्यादातर एग्जिट पोल के मुताबिक, राज्य में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है। कुछ एग्जिट पोल में भाजपा आगे है तो कुछ में कांग्रेस। वहीं जेडीएस किंगमेकर की भूमिका निभा सकती है।
हालांकि, राज्य में दोनों दल भाजपा और कांग्रेस अपनी-अपनी सरकार बनाने के दावे कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव के नतीजे 15 मई को आएंगे।
इसी के साथ चुनाव प्रचार के दौरान ऐसा लगा जैसे यह 2019 के लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल हो। अपनी सम्मोहक भाषण शैली से मतदाताओं को भाजपा की ओर खींचने में सिद्धहस्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नए आत्मविश्वास से भरपूर राहुल गांधी के बीच जमकर जुबानी जंग हुई और खूब जुमले उछाले गए।
कुछ इस तरह से एक दुसरे पर बरसाये गये ये जुमले
प्रधानमंत्री ने 6 मई को चित्रदुर्ग से चुनाव अभियान की शुरुआत करते हुए कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि दलितों के नाम पर कांग्रेस देश को गुमराह कर रही है। उसे न तो ‘दिल’ की परवाह है और न ही ‘दलितों’ की बल्कि उसे तो सिर्फ ‘डील’ की चिंता है।
मोदी ने कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री खुद दो सीटों पर लड़ रहे हैं और बेटे को भी एक सीट से उतार दिया है यानी यह टू प्लस वन की व्यवस्था है। इसके जवाब में राहुल ने कहा कि हकीकत में भाजपा में टू प्लस वन की व्यवस्था चल रही है जिसके तहत दो रेड्डी (खनन घोटाले वाले रेड्डी बंधु) और एक येद्दी चुनाव लड़ रहे हैं।
वहीँ राहुल ने अपने चुनाव क्षेत्र अमेठी में कहा कि अगर उन्हें संसद में बोलने का मौका दिया जाए तो प्रधानमंत्री उनके सामने पंद्रह मिनट भी नहीं टिक पाएंगे। इसके जवाब में मोदी ने कहा कि बिना कागज देखे राहुल पंद्रह मिनट तक कर्नाटक सरकार की उपलब्धियां गिनाकर बताएं। वे चाहें तो अपनी मां की मातृभाषा सहित किसी भी भाषा का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ‘नामदार’ हैं, इसलिए वे ‘कामदार’ लोगों द्वारा की जा रहे कार्यों को समझ ही नहीं सकते हैं।
बांगरपेट और चिकमगलूर में मोदी ने राहुल द्वारा प्रधानमंत्री बनने की इच्छा जताए जाने पर तंज कसते हुए कहा कि एक दबंग नामदार ने कतार तोड़ कर अपनी बाल्टी आगे रख दी है। उन्हें न तो कांग्रेस की परंपरा का ख्याल है और न ही देश के लोकतंत्र का।