नई दिल्ली : कर्नाटक में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर सस्पेंस खत्म हो गया है। शनिवार को कर्नाटक विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के दौरान बीएस येदियुरप्पा ने फ्लोर टेस्ट से पहले ही इस्तीफा दे दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं अपनी आखिरी सांस तक लड़ता रहूंगा।
विधानसभा में अपने भाषण के दौरान उन्होंने कई भावुक बातें कहीं और अंत में इस्तीफा देने का फैसला भी सुना दिया। उन्होंने कहा कि वे यहां से सीधे राजभवन जाकर राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप देंगे।इसी के साथ कर्नाटक में ढाई दिन की भाजपा सरकार गिर गई। बहुमत परीक्षण से पहले येद्दयुरप्पा ने विधानसभा को संबोधित किया। इस पूरी प्रक्रिया का लाइव प्रसारण हुआ।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद येदियुरप्पा को शनिवार तक सदन में बहुमत पास करने को कहा गया था। बता दें कि बीजेपी के लिए सदन में 112 विधायकों का जादुई आंकड़ा जुटा पाना एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है। कांग्रेस-जेडीएस ने अपने एक-एक विधायकों पर पहरा लगा रखा है और पूरे मामले पर सुप्रीम कोर्ट की नजर है। राज्यपाल वजुभाई वाला ने येदियुरप्पा सरकार को शपथ भले ही दिला दी हो, लेकिन येदियुरप्पा ने इस्तीफा दे दिया।
आपको बता दें कि येदियुरप्पा एक बार फिर 2007 की तरह कदम उठा सकते हैं। जब उन्होंने शपथ लेने के 7 दिन के बाद बहुमत साबित न कर पाने के लिए हालत में उन्होंने सीएम के पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उन्होंने इसे शहादत के तौर पर पेश किया। इसका नतीजा रहा कि बीजेपी एक साल के बाद जब चुनाव हुए तो 110 सीटों के साथ सत्ता में वापसी की।
गौरतलब है कि कर्नाटक विधानसभा में 222 सीटों के लिए चुनाव हुए हैं। बहुमत के लिए 112 सीटों की जरूरत होगी। बीजेपी को इस चुनाव में 104 सीटें मिली, जबकि जेडीएस के 37 और कांग्रेस के 78 विधायक और 3 अन्य दलों के विधायक जीत कर आए हैं। येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने के लिए 8 अतिरिक्त विधायकों की जरूरत थी। हालांकिख् जेडीएस के
कुमारस्वामी दो सीटों से जीतकर विधायक बने हैं। ऐसे में उन्हें एक सीट से इस्तीफा देना पड़ेगा। ऐसी हालत में फिर 221 सीट के लिहाज से बीजेपी को बहुमत साबित करने के लिए 111 सीटों की जरूरत पड़ी। ऐसे में बहुमत का नंबर गेम बीजेपी के पक्ष में नहीं दिख रहा है।
आपको बता दें कि चुनाव नतीजे आने के बाद से ही कांग्रेस और जेडीएस बीजेपी से अपने विधायकों को बचाने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही थी। उन्हें पिछले चार दिनों से अपनी निगरानी में रखा और बीजेपी की सेंधमारी से बचाने के लिए उन्हें हैदराबाद ले जाना पड़ा। इसके बाद भी कांग्रेस के 2 विधायक ही आज सदन में नहीं पहुंचे। इनमें आनंद सिंह और प्रताप गौड़ा पाटिल है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने उनके विधायक को अपनी कैद में रखा है।
बता दें कि सुबह 11 बजे विधानसभा का सत्र बुलाया गया। जहां बहुमत परीक्षण से पहले सभी निर्वाचित विधायकों को विधानसभा में शपथ दिलाई गई। येद्दयुरप्पा और सिद्धरमैया ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली है। सत्र की शुरुआत प्रोटेम स्पीकर केजी बोपैया द्वारा नव निर्वाचित विधायकों के शपथ दिलाने ने हुई। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार शाम 4 बजे विधानसभा में फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया था। हालांकि भाजपा ने एक हफ्ते का वक्त मांगा था।