बिहार के पूर्वी चम्पारण जिले के बनकटवा प्रखण्ड में कुदरत का कहर प्रखण्ड के अगरवा गांव में काम कर रहे मजदूरों को क्या पता था कि वे काल के गाल में समा जायेंगे। उस गाँव के सरेह मे बज्रपात होने से पांच मजदूरों की मौत हो गयी है जबकि दो घायल हो गये है। सभी मजदूर धान की रोपनी कर रहे थे।
उप विकास आयुक्त नागेन्द्र सिंह व अपर समाहर्ता भरत दूबे ने संयुक्त रूप से बताया कि घटना की खबर पाते ही सिकरहना के अनुमण्डल पदाधिकारी, बनकटवा के प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी एवं थानाध्यक्ष को मौके पर पहुंचने और राहत व बचाव कार्य करने के निर्देष दिये है। उन्होंने बताया कि अधिकारियों का दल घटना स्थल पर पहुंच गया है तथा शव को पोस्टमार्टम के लिए मोतिहारी सदर अस्पताल लाया जा रहा है।
उन्होंने मामले की सूचना जिलाधिकारी के माध्यम से राज्य सरकार को भेजे जाने की बात कही है। उधर घटना के सम्बन्ध मे बताया गया कि शनिवार घटना पौने एक बजे दिन की है। मजदूर खेदू राय के खेत में रोपनी करने गये थे और उस समय बगल के एक निम के पेड़ के नीचे बैठे थे तभी ठनका गिरा। घायल दोनों की हालत काफी चिन्ताजनक बतायी गयी है। ग्रामीणों ने घोड़ासहन स्वास्थ्य केन्द्र पर सभी को पहुंचाया जिसमें पांच मजदूरों को डाॅक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
स्वास्थ्य केन्द्र पर इन्स्पेक्टर संजय कुमार सिंह, जितना थानाध्यक्ष अमरेन्द्र कुमार साह, झरौखर थानाध्यक्ष अमरेन्द्र मिश्रा व घोड़ासहन की पुलिस मौके पर मौजूद थी। मृतक की पहचान पैतालीस वर्षीय सुगिया देवी, चन्द्रकली देवी, रामती देवी, लालसा देवी 22, संध्या कुमारी 20, सुमिंत्रा देवी 45 के रूप में की गयी है।
वही घायलों की पहचान मजदूर सकली देवी व अविनाष कुमार के रूप में की गयी है। स्थानीय मुखिया बच्चा प्रसाद यादव ने मृतक के परिजनों को कबीर अन्त्येष्टी योजना का लाभ दिया है। घटना क्ष्ेात्र में चर्चा का कारण बना हुआ है वही मरने वाले लोगों के घरो में मातम का माहौल है।