भारत जिसकी कुल आबादी 1,236,344,631 है. लेकिन क्या इस देश में भारतीय की संख्या 1,236,344,631 है ?
यह भारत देश जो पुरे विश्व में अपनी संस्कृति को लेकर सुप्रसिद्ध है, उसी देश पर एक बहुत बड़ा सवाल उठता है की इस देश में 1,236,344,631 लोगों की आबादी होने के बावजूद यहाँ पर भारतीयों की संख्या इतनी क्यों नहीं है ?
क्योंकि भारत में रहने वाले अधिकांश लोग या तो कश्मीरी हैं, पंजाबी हैं, गुजराती हैं, राजस्थानी हैं, बिहारी हैं, बंगाली हैं, पूर्वोत्तर भारत के निवाशी, मराठी, या फिर दक्षिण भारत के रहने वाले हैं.
जो अपने आप को या अपनी पहचान को भारत में मात्र अपने क्षेत्र विशेष के आधार पर आंकते हैं, वे भारत के निवासी तो हैं. पर क्या वे एक भारतीय हैं या सिर्फ एक क्षेत्र विशेष में रहने वाले लोग ?
अगर हम लोगों की मानसिकता से परे हट कर भी देखें तो जिस देश की आबादी 1,236,344,631 है वहां उस देश की मात्र भाषा को जानने वाले सिर्फ 422,048,642 लोग हैं. देश की कुल आबादी के 41.03% लोग.
क्षेत्र विशेष को छोड़कर भारत में रहने वाले लोग इस देश की मात्र भाषा को भी कुछ महत्व नहीं देते. उनको उनकी क्षेत्र विशेष की भाषा देश की मात्र भाषा से अधिक प्रिय होती है. तो, क्या वे लोग एक भारतीय कहलाने के लायक हैं ?
जिस देश का राष्ट्रपति खुद भारत की जनता के समक्ष भाषण देने के लिए अंग्रेजी का प्रयोग करता हो, और उसे ही अपनी शान समझता हो, उस देश की आम जनता से और उम्मीद भी क्या की जा सकती है.
ऐसे लोग भारत की आबादी बढ़ाने में तो भारत का साथ देते हैं पर भारत को तरक्की की तरफ ले जाने में भारत का साथ कभी नहीं दे सकते. और अगर आने वाले समय में भारत का हाल ऐसा ही रहा तो शायद ही कभी भारत एक विकसित देश बन पाए.