जिन्दगी में सकारात्मकता का अपना एक अलग ही महत्त्व है । ज़िन्दगी में सोच के दो पहलु अच्छाई और बुराई इसी का हिस्सा है । अगर हम हर चीज को सकारात्मक होकर सोचे तो हर बुराई में हमें अच्छाई नज़र आएगी वरना नकारात्मकता से चाहे कितना भी अच्छा क्यों न हो जाए हमें उसमे बुराई ही दिखेगी । विश्वास भी सकारात्मकता का ही एक अंग है । अगर हम किसी काम को उस काम के पूर्ण होने के विशवास के साथ करते हैं तो उस काम के पूर्ण होने की सम्भावना कई गुना बढ़ जाती है और वो काम कई बार पूर्ण भी हो जाता है । इन्ही तथ्यों पर आधारित यह विडियो …