नई दिल्ली : इन दिनों भारत और पकिस्तान के बिगड़ते संबंधो का असर पकिस्तान के मनोरंजन जगत पर भी भरी कहर ला सकता है। दरअसल, पाकिस्तान बॉलीवुड की फिल्मों को अपने देश में बैन करने की सोच रहा है। अगर पाकिस्तान ने ये कदम उठाया तो वहां का फिल्म उद्योग बर्बाद हो जाएगा।
जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में सेना के कैंप पर हमला पाकिस्तान को भारी पड़ रहा है। पाकिस्तान के आतंकियों ने सेना के कैंप पर हमला करके भारत को जो जख्म दिया है उसकी भरपाई पूरा पाकिस्तान करेगा। भारत में जहां पाकिस्तान के कलाकारों को बाहर करने की मांग हो रही है वहीं पाकिस्तान भी भारतीय फिल्मों को बैन करने पर विचार कर रहा है। दोनों देशों के बीच तनाव के स्तर को देखते हुए पाकिस्तान ये कदम उठा सकता है। बॉलीवुड की फिल्मों को बैन करना पाकिस्तान के लिए आसान है लेकिन उसके बाद जो होगा वो संभालना पाकिस्तान के लिए मुश्किल का काम होगा। पाकिस्तान का फिल्म इंडस्ट्री में डर का माहौल है। उन्हे अपनी ही सरकार से डर लग रहा है। अगर पाकिस्तान सरकार ने भारतीय फिल्मों पर बैन लगा दिया तो पाकिस्तान फिल्मी इंडस्ट्री को 70 फीसदी नुकसान होगा।
बॉलीवुड में काम कर रहे पाकिस्तानी कलाकारों को वापस भेजने की मांग के बीच पाकिस्तान कभी भी भारतीय फिल्मों पर बैन लगा सकता है। इसी ख्याल से पाकिस्तानी फिल्म इंडस्ट्री के लोग परेशान हैं। एक वितरक ने बताया कि वो सरकार के फैसले का विरोध तो नहीं कर सकते हैं लेकिन हकीकत ये है कि सरकार का ये फैसला आत्मघाती होगा। पाकिस्तानी फिल्म उद्योग को इस से करीब 70 फीसदी का नुकसान होगा। इस वितरक ने बताया कि पाकिस्तानी फिल्म उद्योग में जो जबरदस्त उछाल आया है उसके पीछे भारतीय और हॉलीवुड की फिल्मों का हाथ है। ऐसे में अगर भारतीय फिल्मों पर प्रतिबंध लगाया गया तो कई सिनेमाहाल और मल्टीप्लेक्स बंद होने की कगार पर पहुंच जाएंगे। ये पाकिस्तानी फिल्म उद्योग के लिए बहुत बड़ा झटका साबित होगा। पाकिस्तान में कलाकारों और फिल्म बिजनेस से जुड़े लोगों का मानना है कि पाकिस्तानी फिल्म उद्योग तबाह हो जाएगा।
पाकिस्तान में जानकार भी मानते हैं कि भारतीय फिल्मों को बैन करने का फैसला आत्मघाती होगा। पाकिस्तान में फिल्म उद्योग की हालत पहले से खस्ताहाल है। वहां नए सिनेमा घर तो बन रहे हैं लेकिन फिल्में नहीं बन रही है। ऐसे में इन सिनेमाघरों में दिखाने के लिए फिल्में कहां से लाएंगे। जानकारों का कहना है कि फिलहाल पाकिस्तान फिल्म उद्योग उस हालत में नहीं है कि वो अपने दम पर आगे बड़ सके। इसके लिए जरूरी है कि साल में कम से कम 60 या 70 फिल्मों का निर्माण हो। लेकिन ये अभी हो नहीं पा रहा है। यही कारण है कि पाकिस्तानी फिल्म उद्योग में निराशा का माहौल है उनकी कमाई का एक बड़ा जरिया बॉलीवुड की फिल्मों से आता है। कई भारतीय फिल्मों ने पाकिस्तान में रिकॉर्डतोड़ कमाई की है। इन लोगों को उम्मीद है कि नवाज शरीफ सरकार सोच समझ कर फैसला लेगी।
फिल्म वितरक मांदीवाला कहते हैं कि पाकिस्तानी फिल्म इंडस्ट्री का 70 फीसदी बिजनेस भारतीय फिल्मों से आता है। हमारे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है। भारत के साथ खराब संबंधों का खामियाजा हमें भुगतना पड़ेगा। वहीं सिंधु सेंसर बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष फख्रे आलम ने कहा कि पाकिस्तान में भारतीय फिल्मों के बैन से हम पुराने दौर में लोट जाएंगे। सिनेमाहॉल बंद हो जाएंगे। उनकी जगह मॉल और स्टोर खुल जाएंगे। हमारे पास दिखाने के लिए फिल्में ही नहीं होंगी। पाकिस्तान में फिल्म उद्योग को बचाने के लिए एकमात्र रास्ता ये है कि सरकार फिल्म निर्माण के लिए फंड दे। लेकिन जो मौजूदा हालात हैं उन्हे देखते हुए लगता नहीं है कि सरकारव फंड देगी। वहीं ये तय है कि भारतीय फिल्मों को बैन करने का फैसला कभी भी लिया जा सकता है। ऐसे में पाकिस्तानी फिल्म उद्योग से जुड़े लोग दुआ कर रहे हैं कि भारत के साथ पाकिस्तान के संबंध ज्यादा दिनों तक खराब रहें।