नई दिल्ली : आयकर रिटर्न जमा कराने वाले लोगों के लिए पैन कार्ड के साथ अब आधार कार्ड भी अनिवार्य कर दिया गया है। यह नियम इसी साल 01 जुलाई से लागू हो जाएगा। लोकसभा में मंगलवार को पेश किए गए वित्त संशोधन विधेयक में केंद्र सरकार ने इसका प्रस्ताव रखा है।
प्रस्ताव के मुताबिक, टैक्स रिटर्न फाइल करने के अलावा पैन कार्ड के आवेदन के लिए भी आधार कार्ड जरूरी होगा। आयकर विशेषज्ञों के मुताबिक, ज्यादा से ज्यादा लोगों को टैक्स के दायरे में लाने की कोशिश के तहत सरकार ने यह प्रस्ताव रखा है। इसके अलावा सरकार ने राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों और ट्रस्टों को कंपनियों की ओर से दिए जाने वाले चंदे को भी चेक, डिमांड ड्राफ्ट और ई-ट्रांसफर से ही दिए जाने का प्रस्ताव रखा गया है।
केंद्र ने काले धन पर लगाम कसने को लेकर गठित एसआईटी की सिफारिश के आधार पर 3 लाख से अधिक के कैश ट्रांजैक्शंस पर रोक का ऐलान किया था। इस नियम की शुरुआत 1 अप्रैल से ही की जानी थी, लेकिन अब कैश ट्रांजैक्शन की सीमा 2 लाख रुपये हो गई है। यानी अब आप यदि किसी से 2 लाख या उससे अधिक का कैश स्वीकार करते हैं तो आपको 100 पर्सेंट जुर्माना चुकाना होगा।
इनकम टैक्स रिटर्न में आधार कार्ड को अनिवार्य किए जाने से ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसके टैक्स के दायरे में लाया जा सकेगा। अब तक करीब 6 करोड़ लोग ही ऐसे हैं, जो इनकम टैक्स फाइल करते हैं और उनके पास पैन कार्ड है। लेकिन, आधार कार्ड रखने वाले लोगों की संख्या इससे कहीं अधिक है। ऐसे में यदि इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए आधार कार्ड जरूरी होगा तो लोगों पर नजर रखने में आसानी होगी। यही नहीं पैन कार्ड बनने में किसी भी तरह की धोखाधड़ी को भी रोका जा सकेगा और पुख्ता पहचान के आधार पर पैन कार्ड बन सकेंगे।