नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी के 27 और विधायकों की सदस्यता खतरे में पड़ गई है। इन पर भी लाभ के पद पर होने का आरोप है। इनके खिलाफ चुनाव आयोग को जून में शिकायत मिली थी। आयोग ने इसे राष्ट्रपति के पास भेज दिया है। यह मामला विधायकों को संसदीय सचिव बनाने से अलग है।
उल्लेखनीय है कि 27 विधायकों में से 10 संसदीय सचिव पद से जुड़े हैं, जिनकी सुनवाई चुनाव आयोग में पहले से ही चल रही है। कानून के छात्र विभोर आनंद ने चुनाव आयोग को दी शिकायत में आरोप लगाया है कि ये विधायक रोगी कल्याण समिति में अध्यक्ष के पद हैं। चूंकि यह लाभ का पद है, इसलिए इनकी विधायकी रद्द की जाए। साथ ही कहा कि विधायक इस समिति में सदस्य के तौर पर शामिल हो सकते हैं, लेकिन अध्यक्ष के पद पर नहीं रह सकते।
अब देखना होगा कि राष्ट्रपति इस पर क्या फैसला देते हैं। यदि फैसला आम आदमी पार्टी के खिलाफ गया तो सरकार खतरे में होगी।