मध्य प्रदेश में दमोह वाला मामला अभी शांत भी नहीं पड़ा था कि जबलपुर में लव जिहाद और धर्मांतरण के दबाव के बाद एक नेशनल प्लेयर की खुदकुशी ने हलचल मचा दी है. पता चला है कि हिंदू नाम से अब्दुल रशीद नाम के एक युवक ने संजना से दोस्ती की फिर उसे ब्लैकमेल करने लगा. जिसके बाद संजना ने मौत का दामन थाम लिया. जबलपुर, दमोह, गाजियाबाद, मुरादाबाद, संभल और उत्तरकाशी शहर अनेक, लेकिन मॉड्यूल एक और उस मॉड्यूल के टारगेट पर है गैर मुस्लिम धर्मों के नाबालिग बच्चे और हिंदू बेटियां. कहीं गेमिंग ऐप के जरिए धर्मांतरण का खेल तो कहीं प्यार के जाल में फंसाकर हिंदू बेटियों पर जबरन धर्मांतरण का दवाब डालना. मध्य प्रदेश के दमोह का एक स्कूल धर्मांतरण फैक्ट्री बन जाता है तो दूसरी तरफ जबलपुर की एक बेटी लव जिहादी अब्दुल राशिद के धर्मांतरण का दवाब झेल नहीं पाती और आखिर में मौत का दामन थाम लेती है.
संजना को किसने मारा?
बीते 5 जून को संजना बरकड़े ने जबलपुर के संजीवनी नगर में फंदे से लटककर खुदकुशी कर ली. तफ्तीश में पता चला कि अब्दुल रशीद नाम का एक युवक संजना को ब्लैकमेल कर रहा था. उसने सोशल मीडिया पर संजना के कुछ निजी तस्वीरें पोस्ट कर रखी थीं. संजना ने बार-बार उससे फोटो डिलीट करने की गुहार लगाई. लेकिन जब उसने ऐसा नहीं किया तो संजना को आगे का रास्ता नहीं दिखा और आखिर में मौत को गले लगा लिया.
अब्दुल ने राजन बन की दोस्ती
संजना बीए सेकेंड ईयर की छात्रा थीं. एक साल पहले सोशल मीडिया के जरिए रीवा के राजन नाम के एक युवक के साथ दोस्ती हुई थी. एक साल तक दोनों के बीच बातचीत चलती रही. लेकिन तीन महीने पहले संजना को पता चला कि जिसे वो राजन समझ रही थी दरअसल उसका असली नाम अब्दुल रशीद है. इसके बाद संजना ने उससे दूरी बनानी शुरू कर दी. लेकिन अब्दुल को ये मंजूर नहीं था. उसने संजना को कई बार फोन किया. उस पर शादी करने और इस्लाम धर्म कबूलने की धमकी दी.
एक्शन में आई एमपी सरकार
तफ्तीश में धर्मांतरण और लव जिहाद का खुलासा होते ही पुलिस ने आरोपी अब्दुल रशीद को रीवा से गिरफ्तार कर लिया. अब्दुल रशीद पर परिजनों के सनसनीखेज आरोप के बाद एमपी सरकार भी एक्शन में आ गई. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भरोसा दिलाया कि मध्य प्रदेश में धर्मांतरण का खेल अब नहीं चलेगा.
स्कूल में ‘धर्मांतरण फैक्ट्री’?
मध्य प्रदेश में धर्मांतरण का खेल किस बड़े पैमाने पर चल रहा संजना की खुदकुशी एक मिसाल भर है. इससे पहले दमोह का एक स्कूल भी सुर्खियों में है. हिजाब विवाद के बाद गंगा जमना स्कूल को लेकर हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं. इसी बीच बाल संरक्षण आयोग ने एक सनसनीखेज खुलासा किया है. आयोग का दावा है कि स्कूल के अंदर से मस्जिद तक जाने के लिए एक खुफिया रास्ता है. आरोप है कि इसी रास्ते के जरिए बच्चों को नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद में ले जाया जाता था.
स्कूल पर इस्लामिक शिक्षा से लेकर धर्मांतरण के कई आरोप लग रहे हैं. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी साफ संदेश दिया है कि प्रदेश में धर्मांतरण करने वालों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा. फिलहाल लापरवाही के आरोप में दमोह के जिला शिक्षा अधिकारी को हटा दिया गया है और माना जा रहा कि आने वाले दिनों में लापरवाही की गाज कई और अधिकारियों पर गिर सकती है.