वर्षों से महिलाओं के खिलाफ ऐसिड हमलों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए इसे रोकने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को अपना जवाब दिया है। अब ऐसिड को जहर की श्रेणी में रखा जाएगा। इसके साथ ही ऐसिड बिक्री के लिए लाइसेंस को मान्य किया गया है। साथ ही ऐसिड खरीद के लिए फोटो आईडी का होना भी जरुरी बतया गया है।
जस्टिस आर.एम. लोढ़ा की अध्यक्षता वाली बेंच ने सरकार के रवैये पर नाराजगी व्यक्त करते हुए 9 जुलाई को कहा था कि ऐसिड अटैक से रोजाना लोग मर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में केंद्र सरकार को जमकर झाड़ लगाते हुए कहा था कि वह तेजाब के हमलों को रोकने के प्रति गंभीर नहीं हैं। कोर्ट ने सरकार को 16 जुलाई तक का वक्तं देते हुए कहा था कि अगर सरकार इस बारे में कोई नीति तैयार करने में विफल रहती है तो वह खुद आदेश पारित करेगा।
सुप्रीम कोर्ट से मिली झाड़ के बाद हरकत में आई सरकार ने हलफनामा दायर कर बताया कि तेजाब को खरीदने और बेचने के लिए नियम बनाए जा रहे हैं। कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि बिना लाइसेंस के कोई दुकानदार तेजाब नहीं बेच सकेगा। यही नहीं तेजाब खरीदने के लिए ग्राहक के पास फोटो आईडी कार्ड होना भी जरूरी होगा।
कोर्ट ने सरकार से एक और ड्राफ्ट बनाने के लिए कहा है, जिसमें तेजाब को अलग.अलग श्रेणियों में बांटने का निर्देश दिया है। जैसे स्कू ल.कॉलेजए औद्योगिक संस्थाअनए दवाइयों और घरेलू इस्तेमाल में लाया जाने वाला तेजाब। इसके साथ ही सरकार ने तेज़ाब हमले के शिकार पीड़ित के पुनर्वास को लेकर भी नियमों का मसौदा पेश किया।